नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्युरो (Central Burau of Investigation) और प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को नोटिस जारी किया है।
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर सीबीआई और ईडी को शुक्रवार, 28 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
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समाचार एजेंसी भाषा के हिसाब से न्यायमूर्ति संजीव खन्ना(Justice Sanjiv Khanna), न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां (Justice Ujjal Bhuyan) की पीठ ने सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलील पर गौर किया जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
पीठ ने कहा कि वह अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी और इसके लिए वह सीबीआई और ईडी से जवाब मांग रही है। सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने कहा कि आमतौर पर अदालत नीतिगत निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करती, लेकिन यह अन्य कारणों से नीति बनाने का मामला है।
सीबीआई और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि निचली अदालत ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि, पीठ ने राजू को जांच एजेंसियों की ओर से जवाब दाखिल करने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ इस मामले पर आज सुनवाई करने के लिए 10 जुलाई को सहमत हुई थी। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के आखिर में इसे वापस ले लिया गया। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें ‘‘घोटाले’’ में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।