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Nitish Katara Murder Case: बीमार मां की देखभाल करने को लेकर Supreme Court ने विकास यादव को अंतरिम जमानत दी

नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव को जमानत देने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एम्स के डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा उनकी माँ की जांच कराने का भी आदेश दिया है.

Supreme Court, Vikash Yadav

Written by Satyam Kumar |Published : April 24, 2025 7:11 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल की जेल की सजा काट रहे विकास यादव को उसकी बीमार मां से मिलने के लिए बृहस्पतिवार को आठ मई तक अंतरिम जमानत दे दी. जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों के एक बोर्ड द्वारा यादव की मां की जांच करने के निर्देश भी दिए हैं.

विकास यादव को सशर्त जमानत

शीर्ष अदालत ने जमानत की शर्तों के तहत सजायाफ्ता विकास यादव को गाजियाबाद में अपने घर में ही रहने और नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा एवं मामले के अन्य गवाहों से संपर्क नहीं करने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने उसे एक लाख रुपये के जमानती बॉण्ड भरने और इतनी ही राशि के मुचलके की शर्त पर जमानत दी. वहीं, बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को दिल्ली सरकार से पूछा कि विकास यादव की मां को कुछ हो जाए तो क्या आप जिम्मेदारी लेंगे. यादव 2002 के हत्याकांड में 25 साल की सजा काट रहा है और अपनी बीमार मां की देखभाल के लिए अंतरिम जमानत का अनुरोध कर रहा है.

कल ही जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने अंतरिम जमानत देने का संकेत देते हुए दिल्ली सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वह यादव पर सख्त प्रतिबंध लगाएगी. पीठ ने एएसजी से पूछा कि यह सही नहीं है। इस व्यक्ति (यादव) ने 23 साल जेल में बिताए हैं. क्या हमें उसकी मां की हालत को ध्यान में रखते हुए अस्थायी जमानत देने का अधिकार नहीं है? मां का क्या दोष है? अगर उसकी मां को कुछ हुआ तो क्या आप जिम्मेदारी लेंगे. जमानत का विरोध करते हुए भाटी ने कहा कि दोषी बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है और उसने अपनी मेडिकल जमानत का दुरुपयोग किया है. हालांकि, आज सुप्रीम कोर्ट ने विकास यादव को सशर्त जमानत दी है.

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क्या है मामला?

विकास उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डी पी यादव का बेटा है. उसके चचेरे भाई विशाल यादव को भी नीतीश कटारा के अपहरण और हत्या के लिए सजा सुनाई गई थी. दोनों ही विकास की बहन भारती यादव के साथ कटारा के कथित संबंधों के खिलाफ थे, क्योंकि उनकी जाति एक नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने सह-दोषी सुखदेव पहलवान को बिना किसी छूट के 20 साल कैद की सजा सुनाई थी. इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने विकास और विशाल यादव को निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा बरकरार रखते हुए दोनों को बिना किसी छूट के 30 साल की सजा सुनाई थी।.उसने सह-दोषी सुखदेव पहलवान को 25 साल के कारावास की सजा सुनाई थी. दिल्ली जेल प्रशासन ने पिछले साल यादव के आचरण को असंतोषजनक पाए जाने के बाद सजा में छूट के उसके अनुरोध को खारिज कर दिया था.

(खबर पीटीआई भाषा के आधार पर है)