सुप्रीम कोर्ट से RJD नेता सुनील सिंह को बड़ी राहत मिली है. बिहार सदन में एमएलसी सुनील कुमार बिहार विधानसभा के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अशोभनीय व्यवहार करने उनकी नकल उतारने के चलते विधान परिषद से बर्खास्त किये गए राजद के पूर्व MLC सुनील सिंह की सदस्यता सुप्रीम कोर्ट ने बहाल की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनील सिंह का व्यवहार अनुचित लेकिन विधान परिषद की आचार समिति का फैसला ज़्यादा सख्त था. एमएलसी व राजद नेता सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में अपने निष्कासन को चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुनील सिंह का आचरण अनुचित है लेकिन सदन को उदारता दिखानी चाहिए और अपने सदस्यों के खिलाफ़ असंगत कार्रवाई करने से बचना चाहिए. अदालत ने विधानसभा के आचार समिति (Ethics Committee) की रिपोर्ट की केवल कार्रवाई की शर्तों को रद्द किया है. इसके लिए राजद नेता पिछले 7 महीने तक विधान परिषद की कार्यवाही से दूर रखना सजा के तौर पर काफी है. विधान परिषद के सदस्य यानि एमएलसी सुनील सिंह को अगले 7 महीने के लिए कोई वेतन भत्ता नहीं मिलेगा. कोर्ट ने सुनील सिंह को विधानसभा की कार्यवाही में तत्काल प्रभाव से शामिल होने की इजाजत दी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि विधान परिषद की खाली सीट पर निर्वाचन के लिए जारी चुनाव आयोग की अधिसूचना को फैसले के बाद से रद्द मानी जाएगी.
सुनील कुमार सिंह 2020 में एमएलसी बने थे, आरजेडी के कोषाध्यक्ष भी हैं और लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं. आरजेडी के नेता सुनील कुमार सिंह को शुक्रवार को अनुशासनहीनता के चलते परिषद से निष्कासित कर दिया गया था. यह घटना 13 फरवरी, 2024 के दिन की है जब मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर उनका धन्यवाद ज्ञापन किया. इसी कार्यवाही के दिन सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजाक उड़ाते हुए उनकी मिमिक्री की थी. इस कृत्य को लेकर जेडीयू के एमएलसी भीष्म साहनी ने सुनील सिंह के खिलाफ एथिक्स कमेटी में शिकायत दर्ज कराई और एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट आने के आधार पर बिहार विधान परिषद के अध्यक्ष अवधेश नारायण सिंह ने एमएलसी सुनील सिंह को सदन से निष्कासित किया था.
अब सुप्रीम कोर्ट ने राजद नेता व एमएलसी सुनील सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनकी सदस्यता बहाल की है.