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दूसरी FIR की जरूरत नहीं... Badlapur Encounter Case में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को दी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने बदलापुर एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कथित रूप से दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.

Bombay HC, Supreme Court

Written by Satyam Kumar |Published : May 5, 2025 6:16 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बदलापुर एनकाउंटर मामले में राज्य सरकार को बड़ी राहत दी. पीठ ने बदलापुर एनकाउंटर मामले में कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. दरअसल, पिछले साल ठाणे जिले के बदलापुर में नाबालिग मासूम बच्ची का यौन शोषण किया गया था. इसके बाद आरोपी अक्षय शिंदे को 23 सितंबर 2024 को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. इस मामले को लेकर अक्षय शिंदे के परिवार की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और उन्होंने ठाणे पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया.

Bombay HC से FIR करने के सख्त निर्देश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्राथमिक तौर पर इस एनकाउंटर को संदिग्ध मानते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके साथ ही पिछले हफ्ते कोर्ट ने ठाणे पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाते हुए 4 घंटे में इसका जवाब मांगा था. इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया. अदालत ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और ठाणे पुलिस को बड़ी राहत दी.

बदलापुर एनकाउंटर केस

अदालत ने कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. कोर्ट ने कहा कि इसकी जांच की जा सकती है, लेकिन दूसरी एफआईआर दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है. बता दें कि सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे पर दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. बाद में शिंदे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. जानकारी के अनुसार, अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर स्थानांतरित किया जा रहा था. इसी दौरान कथित तौर पर उसने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर गोली चला दी थी. पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया था और बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी.

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(खबर IANS इनपुट से है)