नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने Kerala High Court, के आदेश के खिलाफ केरल सरकार की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें हाईकोर्ट ने गुस्सैल हाथी Arikomban इडुक्की से परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे.
गुस्सैल हाथी Arikomban पिछले कुछ समय से स्थानीय नागरिको के निवास, चावल के लिए राशन की दुकानों और घरों पर हमला कर रहा था. राज्य सरकार इसे पकड़कर कैद करना चाहती थी, लेकिन केरल हाईकोर्ट ने इसे वन्य अभ्यारण में छोड़ने के आदेश दिए थे.
Chief Justice of India (CJI) DY Chandrachud की पीठ ने केरल राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका को इस आधार पर खारिज किया कि विशेषज्ञों की समिति ने केरल हाईकोर्ट को सिफारिश की है हाथी को अभयारण्य में छोड़ दिया जाए.
केरल हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को भी सख्त चेतावनी दी थी. क्योकि जिस जगह पर गुस्सैल हाथी Arikomban घूम रहा था, वह जगह पहले हाथियों की जगह थी.
वर्ष 2000 में इस क्षेत्र में आदिवासी लोगों का पुनर्वास किया गया था, जिसे लेकर हाईकोर्ट ने कहा था कि "अगर यह एक हाथी का निवास स्थान था, तो आपके पास वहां लोगों को फिर से बसाने और उन्हें खतरे में डालने का कोई काम नहीं था।" " अदालत ने कहा कि हाथियों के आवास में लोगों को फिर से बसाना "पूरी समस्या की जड़" था.
केरल सरकार इस हाथी को पकड़कर कैद करना चाहती थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इससे इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसे परिदृश्य में हाथी को मानव बस्तियों में भटकने से रोकने के लिए अन्य विकल्पों का पता लगाया जाना चाहिए.
केरल हाईकोर्ट ने सरकार का अनुरोध ठुकराते हुए कहा था कि केरल में बंदी हाथियों के प्रति क्रूरता के कई उदाहरणों देख चुके है इसलिए उसे बंदी रखने की अनुमति नही दी.
इस मामले में हाईकोर्ट ने एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया था, जिसने हाईकोर्ट को सुझाव दिया था कि जंगली हाथी को इडुक्की से परम्बिकुलम वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित किया जाए.
हाईकोर्ट द्वारा हाथी को पकड़ने की अनुमति नहीं देने के अदालत के फैसले से चिन्नकनाल और केरल के इडुक्की जिले में लोग विरोध पर उतर आए थे.
स्थानीय आबादी पर हमले की आशंकाओं को देखते हुए हाथी को पकड़ने का अनुरोध किया था. सरकार ने कहा कि बच्चो ने स्कूल जाना छोड़ दिया है.
केरल हाईकोर्ट ने विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा सुझाए के बाद Arikomban हाथी को परम्बिकुलम टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था.
केरल हाईकोर्ट के फैसले के बाद से ही केरल के उत्तरी पलक्कड़ में कई पंचायतों के निवासियों ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.
मुथलमदा पंचायत में हाल ही में सर्वदलीय बैठक के दौरान, ग्रामीणों ने अदालत के निर्देश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए हड़ताल करते हुए बाजार बंद रखे.
स्थानीय लोगो के अनुसार जिले के किसान पहले से ही अन्य जंबो के भटकने के कारण व्यापक फसल नुकसान सहित कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं.