Advertisement

Abortion Case: Supreme Court ने अबॉर्शन की नहीं दी इजाजत, 32 सप्ताह से गर्भवती 'विधवा' महिला की याचिका खारिज

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने 32 सप्ताह से गर्भवती विधवा महिला की अबॉर्शन की मांग वाली याचिका खारिज की. सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला मेडिकल बोर्ड की राय पर विचार कर दिया.

Written by My Lord Team |Published : February 2, 2024 9:16 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार ( 31 जनवरी, 2024) के दिन एक महिला को गर्भपात की अनुमति देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. याचिका करने के दौरान महिला की प्रेग्नेंसी अवधि 32 सप्ताह से अधिक हो चुकी थी. कोर्ट ने यह फैसला केन्द्र सरकार के आवेदन और एम्स के विचार को ध्यान में रखकर लिया. याचिका में महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से गर्भपात (Abortion)की इजाजत देने की मांग की थी. वहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में महिला को पहले गर्भपात (Abortion) कराने की अनुमति दी थी. जिस पर आपत्ति जताते हुए केन्द्र सरकार ने याचिका दायर की जिस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले को पलट दिया.

बच्चे को गोद दे सकती है महिला

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. बेंच ने मेडिकल बोर्ड की राय को ध्यान में रखा जिसमें बोर्ड ने गर्भपात कराने की स्वीकृति देने से मना किया. बेंच ने अपने फैसले गर्भपात कराने से खिलाफ फैसला देते हुए कहा कि अगर महिला चाहे तो बच्चे को गोद दे सकती है.

ये है पूरा टाइमलाइन

19 अक्टूबर 2023: वादी महिला के पति का देहांत हो गया.

Also Read

More News

31 अक्टूबर 2023: महिला को अपनी प्रेग्नेंसी का पता चला.

04 जनवरी, 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की गर्भपात कराने की मांग को स्वीकार कर लिया.

23 जनवरी, 2024: केन्द्र सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने फैसले को पलट दिया.

31 जनवरी, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने भी महिला के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी.

गर्भपात से जुड़ा नियम क्या कहता है?

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट,किसी भी शादीशुदा महिला, रेप विक्टिम, दिव्यांग और नाबालिग लड़की को 24 सप्ताह तक की प्रेग्नेंसी को अबॉर्ट कराने की अनुमति देता है. ऐसे में यह समय 24 सप्ताह से अधिक होता है, तो उक्त महिला को अबॉर्शन कराने के लिए मेडिकल बोर्ड की अनुमति लेनी होती है.