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तेलंगाना बना SC-ST वर्गीकरण लागू करने वाला पहला राज्य, जानें क्या है खास?

तेलंगाना सरकार ने एससी-एसटी केटेगरी के अंदर वर्गीकरण करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया है. इसके साथ ही तेलंगाना सरकार अनुसूचित जाति (एससी) वर्गीकरण को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है.

Telngana Govt, Supreme court

Written by Satyam Kumar |Published : April 14, 2025 10:08 PM IST

भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बीआर आंबेडकर की जयंती पर तेलंगाना सरकार ने बड़ी घोषणा की है. तेलंगाना सरकार ने एससी-एसटी केटेगरी के अंदर वर्गीकरण करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया है. इसके साथ ही तेलंगाना सरकार अनुसूचित जाति (एससी) वर्गीकरण को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है. सरकारी आदेश में कहा गया कि तेलंगाना विधानमंडल के निम्नलिखित अधिनियम को 8 अप्रैल 2025 को तेलंगाना के राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त हुई और उक्त स्वीकृति को सर्वमान्य जानकारी के लिए 14 अप्रैल 2025 को तेलंगाना राजपत्र में पहली बार प्रकाशित किया गया है.

SC-ST में सब-केटेगरी को लागू करने वाला पहला राज्य

तेलंगाना सरकार ने इससे पहले हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस शमीम अख्तर की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति वर्गीकरण पर एक आयोग का गठन किया था, जिसने सिफारिशें की थीं कि 59 अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में कुल 15 प्रतिशत आरक्षण के लिए तीन समूहों अर्थात 1, 2 और 3 में विभाजित किया जाना चाहिए. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, समूह-1 को एक प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिनमें 15 सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं. वहीं समूह-2 में 18 मध्यम रूप से लाभान्वित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें नौ प्रतिशत कोटा दिया गया है, जबकि समूह-तीन में 26 उल्लेखनीय रूप से लाभान्वित अनुसूचित जाति समुदाय शामिल हैं, जिन्हें पांच प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. इस साल फरवरी में तेलंगाना विधानमंडल ने अनुसूचित जाति वर्गीकरण के संबंध में जस्टिस अख्तर की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था, जबकि क्रीमी लेयर को आरक्षण नहीं देने की उसकी (आयोग की) एक अन्य सिफारिश को खारिज कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अनुसूचित जाति (आरक्षण का युक्तिकरण) विधेयक, 2025 पिछले महीने पारित किया गया था. पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने वर्गीकरण के पक्ष में फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच ने  कैटोगरी के अंदर सब-कैटोगरी के आरक्षण को अनुमति दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कोटे के अंदर कोटा प्रस्तावित करने के फैसले को मंजूरी दी है जिससे आरक्षण का लाभ समाज के सबसे निचले हिस्से तक पहुंच सके.

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भारतीय राजनीति में आरक्षण जातियों के आधार पर मिली है जिसमें जनरल, ओबीसी, एससी और एसटी आदि आते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी जाति के लिए 'कोटा के भीतर कोटा' आरक्षण को स्वीकृति दी है. एससी या एसटी के Umbrella टर्म है या एससी के अंदर भी कई उपजातियां (सब कैटोगरी) आती है, जिनके लिए कुल एससी आरक्षण में से उपजातियों के लिए भी सीटें या प्रतिशत तय की जाएगी. इन तय सीटों या प्रतिशत में केवल वहीं उपजातियों से आनेवाले लोगों का चयन होगा.