Supreme Court On EVM, VVPAT: मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) के दिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से EVM से टेम्परिंग को लेकर जबाव की मांग की है. सर्वोच्च न्यायालय ने पूछा, कि अगर अधिकारी EVM से टेम्परिंग से छेड़छाड़ करते हैं तो इसकी क्या सजा होगी? बता दें कि एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) के साथ-साथ लोकसभा की सभी सीटों पर हुए EVM से हुए मतदान को VVPAT से मिलान करने की मांग वाली कई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रही थी.
लोकसभा की सभी सीटों पर EVM से VVPAT की पर्ची मिलान की मांग से जुड़ी याचिकाओं को जस्टिस संजीव खन्ना एवं जस्टिस दीपंकर दत्ता की बेंच ने सुना. बेंच ने कहा, जब तक गलतियों की कठोर सजा ना हो, तब तक अपराध करने की संभावना ज्यादा रहती है.
बेंच ने कहा,
"यह गंभीर बात है. यह डर होना चाहिए कि अगर कुछ गलत किया, तो सजा मिलेगी."
चुनाव आयोग ने जबाव दिया,
"ऐसे मामलों में ब्रीच ऑफ ऑफिस की सजा है."
अदालत ने EVM के काम करने व उस में छेड़छाड़ करने के विषय को ध्यान दिलाते हुए कहा कि अगर मतदान प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप से आगे समस्याएं और पूर्वाग्रह पैदा हो सकते हैं.
बेंच ने कहा,
"आम तौर पर मानवीय हस्तक्षेप के बिना मशीन आपको सटीक परिणाम देगी. हाँ, समस्या तब उत्पन्न होती है जब मानवीय हस्तक्षेप होता है या वे सॉफ्टवेयर या मशीन के आसपास अनाधिकृत परिवर्तन करते हैं. अगर आपके पास इसे टालने के लिए कोई सुझाव है तो आप हमें दे सकते हैं."
सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग से जुड़ी याचिकाओं को खारिज किया है.
बेंच ने कहा,
"हम सभी जानते हैं कि जब बैलेट पेपर थे तो क्या हुआ था. आप जानते होंगे लेकिन हम नहीं भूले हैं. वैसे भी हमने तीन समाधान सुने हैं. हम अब इस पर बहस नहीं चाहते हैं."
अदालत ने विषय को आगे बढ़ाते हुए चुनाव आयोग से पूछा. क्या ये संभव है कि एक स्वतंत्र तकनीकी टीम द्वारा EVM की जांच कराई जाए? शीर्ष न्यायालय ने सुझाव के तौर पर कहा कि वे चुनाव के बाद टेक्नीकल टीम के जांच के लिए EVM को सुरक्षित रखें जिससे किसी को भी बेईमानी (Foul Play) की शिकायत न हो.
अदालत ने चुनाव आयोग से पूछा. क्या सभी मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा लग चुके हैं? आयोग ने जबाव दिया कि 50% मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा लग चुके हैं.
मामले की अगली सुनवाई 18 अप्रैल को होगी.