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गवाहों के बयान पर संदेह... 12 साल जेल में बिताने के बाद आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

मर्डर केस में दोषी विनोभाई ने केरल उच्च न्यायालय के सितंबर 2016 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उसकी दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया था.

(पिक क्रेडिट:Freepik)

Written by Satyam Kumar |Published : January 30, 2025 11:45 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दो प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयान पर संदेह जताते हुए पिछले 12 साल से जेल में बंद व्यक्ति को बरी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के सितंबर 2016 के फैसले और निचली अदालत के अक्टूबर 2012 के आदेश को रद्द किया है. बता दें कि मर्डर केस में आरोपी विनोभाई को निचली अदालत ने हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

गवाहों के बयान पर संदेह

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने दो प्रत्यक्षदर्शी गवाहों के बयान पर संदेह जताते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ अपराध साबित नहीं हुआ. शीर्ष अदालत ने यह फैसला विनोभाई की उस अपील पर सुनाया, जिसमें उन्होंने केरल उच्च न्यायालय के सितंबर 2016 के उस फैसले को चुनौती दी थी. फैसले में केरल हाई कोर्ट ने व्यक्ति की दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा गया था.

अदालत ने कहा,

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"अभियुक्त 12 साल से अधिक समय तक जेल में रहा है. यदि किसी अन्य मामले में उसकी आवश्यकता नहीं है तो उसे तुरंत रिहा किया जाए."

पीठ ने मामले के दोनों गवाहों के बयान पर संदेह जताते हुए कहा कि दोनों प्रत्यक्षदर्शियों का यह बयान विरोधाभासी है. अदालत ने यह भी कहा कि दोनों गवाहों ने घटना के तुरंत बाद पुलिस को सूचना नहीं दी थी. शीर्ष अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि एक गवाह ने रामकृष्णन को माकपा समर्थक बताया था, जबकि विनोभाई भाजपा कार्यकर्ता था.

पुरानी दुश्मनी के चलते की हत्या

अपीलकर्ता विनूभाई पर 31 दिसंबर 2010 को रामकृष्णन की चाकू से प्रहार कर हत्या करने का आरोप था. अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि विनोभाई और रामकृष्णन के बीच पुरानी दुश्मनी थी. मृतक कथित रूप से विनोभाई के बड़े भाई की हत्या में शामिल था. विनोभाई को निचली अदालत ने हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि शीर्ष शीर्ष अदालत ने उच्च अदालत के सितंबर 2016 के फैसले और निचली अदालत के अक्टूबर 2012 के आदेश को रद्द कर दिया है.

(खबर पीटीआई इनपुट से है)