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'शोले' के डायरेक्टर रमेश सिप्पी को Bombay High Court से राहत नहीं! पैतृक संपत्ति में दावेदारी मामले में की थी ये मांग

फिल्म शोले के डायरेक्टर व फिल्ममेकर रमेश सिप्पी पैतृक संपत्ति में दावेदारी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर अंतरिम याचिका दायर में अपनी पैतृक संपत्ति के लिए कोर्ट रिसीवर नियुक्त करने की मांग की थी जिसे उच्च न्यायायल ने खारिज किया है.

Written by My Lord Team |Published : April 16, 2024 12:50 PM IST

Ramesh Sippy's Ancestral Property Disputes: फिल्म 'शोले' के डायरेक्टर व फिल्ममेकर रमेश सिप्पी पैतृक संपत्ति में दावेदारी को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में अंतरिम याचिका दायर की थी. फिल्म निदेशक ने अपनी पैतृक संपत्ति मामले में कोर्ट रिसीवर नियुक्त करने की मांग की. और रिसीवर द्वारा पैतृक संपत्ति में एक फ्लैट और 27 सिनेमैटोग्राफ फिल्मों को पोजेशन में लेने की मांग की. हालांकि, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने निदेशक की याचिका खारिज कर दी है. आइये जानते हैं कि उच्च न्यायालय ने सुनवाई में क्या-कुछ कहा?

शोले के डायरेक्टर की याचिका में क्या?

शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने याचिका में कहा, कि सिप्पी फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और कंपनी के डायरेक्टर्स उनके पैतृक संपत्ति का अनाधिकृत रूप से लाभ उठा रहे हैं, जिस पर रोक लगाने के लिए निदेशक ने कोर्ट रिसीवर नियुक्त करने की मांग की जो संपत्ति को अपने पोजेशन में रखेगा.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

जस्टिस मनीष पितले (Justice Manish Pitale) की सिंगल-जज बेंच ने निदेशक की अंतरिम याचिका को सुना. बेंच ने तथ्यों पर गौर करते हुए पाया कि याचिककर्ता के पास लगाए गए आरोपों को सही साबित करने के लिए ठोस सबूत नहीं है.

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बेंच ने कहा,

“वर्तमान मुकदमे में (सिप्पी द्वारा) लिया गया रुख, सिप्पी द्वारा शुरू की गई पिछली कार्यवाही में किए गए दावों से अलग प्रतीत होता है. वह अपने पक्ष में मामला बनाने में असफल रहे हैं."

संपत्ति पर दावेदारी के आरोप पर कोर्ट ने पाया. सिप्पी, भाई-बहन के वारिस एवं कंपनी (सिप्पी फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड) भी संपत्ति पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं. ये मामला अभी विचाराधीन है.

क्या है मामला?

साल,2023 में फिल्म 'शोले' के निदेशक, फिल्म प्रोड्यूसर रमेश सिप्पी ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. याचिका में रमेश सिप्पी फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा उस संपत्ति के अनाधिकृत रूप से लाभ उठाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से रिसीवर नियुक्त करने की मांग की है. निदेशक ने कहा. वह अपने दिवंगत माता-पिता की आखिरी जीवित संतान है. संपत्ति को लेकर उनके भाई-बहन के वारिसों के बीच संपत्ति का बटवारा होना है. निदेशक कुल संपत्ति के पांचवे हिस्से की मांग की है जिसमें एक फ्लैट और 27 सिनेमैटोग्राफ फिल्में है.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने रिसीवर नियुक्त करने की मांग को खारिज किया है.