Rape Case: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक रेप केस के आरोपी को जमानत दी है. इस मामले में पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने उसके साथ बलात्कार किया, जबकि आरोपी का कहना है कि यह एक सहमति से बने रिश्ते का मामला है. इस मामले में पीड़िता एक छात्रा है जो पीजी हॉस्टल में रहती है. उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक बार में शराब पी और उसके बाद आरोपी के घर गई. यहां आरोपी ने तर्क किया है कि पीड़िता ने अपनी मर्जी से उसके घर गई.
पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि आरोपी ने उसे अपने घर की बजाय अपने रिश्तेदार के घर ले जाकर दो बार बलात्कार किया. हालांकि, आरोपी के वकील ने इस बात का खंडन किया है. पीड़िता ने यह भी कहा है कि वह अपने दोस्तों के साथ बार में गई थी और वहां शराब पीने के बाद उसने आरोपी के घर जाने का निर्णय लिया. आरोपी के वकील ने दावा किया है कि यह बलात्कार का मामला नहीं है, बल्कि यह एक सहमति से बने संबंध का मामला हो सकता है. आरोपी के वकील ने कहा है कि पीड़िता की शिकायत गलत है और उसके पास कोई आपराधिक इतिहास नहीं है. वह 11 दिसंबर 2024 से जेल में है, इसलिए मुवक्किल को राहत पाने का अधिकार है.
मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता का हाइमन फटा हुआ पाया गया है, लेकिन डॉक्टर ने यौन हमले के बारे में कोई राय नहीं दी. वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि दोनों पक्ष वयस्क हैं और पीड़िता ने अपनी मर्जी से कार्य किया. अदालत ने कहा कि यदि पीड़िता के आरोपों को सत्य मान लिया जाए, तो भी यह कहा जा सकता है कि उसने खुद ही समस्याओं को आमंत्रित किया है. आरोपी को जमानत देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि पीड़िता और आवेदनकर्ता दोनों वयस्क हैं. पीड़िता एम.ए. की छात्रा है, इसलिए वह अपने कार्य की नैतिकता और महत्व को समझने में सक्षम थी. अदालत का मानना है कि यदि पीड़िता के आरोपों को सत्य माना जाए, तो यह भी कहा जा सकता है कि उसने स्वयं मुसीबत को आमंत्रित किया और इसके लिए जिम्मेदार थी.
सुनवाई के दौरान मौजूद राज्य के वकील ने जमानत का विरोध किया, लेकिन उन्होंने आवेदनकर्ता के पक्ष में प्रस्तुत तथ्यों को विवादित नहीं किया.