पश्चिम बंगाल(West Bengal) के संदेशखाली (Sandeshkhali) में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (Sexual Assault) के संबंध में राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. राज्य सरकार के इस रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पीआईएल दायर की गई. पीआईएल (PIL) में इन रिपोर्टों की सीबीआई/एसआईटी (CBI/ SIT) जांच की मांग की है. पीआईएल में रिपोर्ट के निष्पक्षता पर सवाल उठाया गया है.
याचिका में संदेशखाली हिंसा में राज्य पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आई. याचिका में पुलिस पर अपने कर्तव्य में की गई लापरवाही का आरोप है. याचिका में कहा गया कि राज्य की पुलिस आरोपी शाहजहां शेख के साथ मिलकर काम कर रही है. याचिका में ईडी पर हमले का जिक्र भी है. ईडी जब शाहजहां शेख को पकड़ने गई तब आरोपी कहीं भाग गया. आरोपी के लापता होने के बाद ही, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिलाओं ने इस घटना के खिलाफ आवाज उठाया. ये महिलाएं 8 अक्टूबर 2024 के दिन सड़कों पर आकर शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं के द्वारा किए यौन उत्पीड़न और अत्याचार का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
इस याचिका को वकील अलख श्रीवास्तव ने दायर किया. याचिकाकर्ता ने राज्य पुलिस के ऊपर आशंका जताई और मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. संदेशखाली हिंसा की जांच को सीबीआई/ एसआईटी को सौंपने की मांग की.
याचिका में सीबीआई जांच के साथ एसआईटी गठित करने की मांग भी की गई है. याचिका में कहा, जैसे सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए एसआईटी (SIT) गठित की गई थी, वैसे ही इस मामले की जांच कराएं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड हाईकोर्ट जजों की अगुवाई में एक एसआईटी कमिटी बनाने के निर्देश दिए थे. कमिटी ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए यौन हिंसा की जांच कर अपनी रिपोर्ट दी थी.