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राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव को फैमिली संग दुबई जाने की दी मंजूरी, कहा- आरोपों की गंभीरता जमानत पर रिहा व्यक्ति को विदेश जाने से रोकने का कारण नहीं

तेजस्वी यादव (पिक क्रेडिट ANI)

आज की सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव की जमानत रद्द करने की सीबीआई की मांग से इंकार किया है. वहीं, तेजस्वी यादव को मांग के अनुसार परिवार के साथ दुबई में छुट्टियां मनाने की अनुमति दे दी है. अदालत ने कहा कि वे अपना विदेश प्रवास बढ़ा नहीं सकते हैं.

Written by Satyam Kumar |Published : September 10, 2024 6:03 PM IST

RJD Leader Tejashwi Yadav: राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी यादव को पारिवारिक छुट्टी के लिए दुबई जाने की अनुमति दे दी है. फैसले में अदालत ने कहा कि जमानत पर रिहा हुए व्यक्ति को गंभीर आरोपों के चलते विदेश जाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं. इस दौरान अदालत के सामने मौजूद तेजस्वी यादव के वकील ने दावा किया कि वे बिहार के नेता प्रतिपक्ष है उनके भागने का कोई सवाल ही नहीं उठता है. बता दें कि तेजस्वी यादव ने पारिवारिक छुट्टी के लिए अपने परिवार के साथ 18 सितंबर से 8 अक्टूबर तक दुबई जाने की अनुमति मांगी थी, जिसकी अदालत ने स्वीकृति दे दी है.

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राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष सीबीआई न्यायाधीश विशाल गोगने ने दुबई यात्रा की अनुमति दी है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि तेजस्वी प्रसाद यादव 25 लाख रुपये की राशि के लिए एफडीआर प्रदान करें, जो आरोपी द्वारा इस आदेश की किसी भी शर्त का उल्लंघन करने की स्थिति में भारत सरकार के पक्ष में जब्त हो जाएगी. कोर्ट ने यह कहा कि तेजस्वी अपनी यात्रा कार्यक्रम के बारे में कोर्ट को सूचित करें साथ वह वापसी के 48 घंटे के भीतर भारत आने की सूचना अदालत को देगें और पासपोर्ट को जमा करेंगे.

अदालत ने आदेश में कहा कि वह विदेश में अपने प्रवास के विस्तार के लिए अनुरोध नहीं करेगा. सीबीआई ने इसका विरोध किया था. सीबीआई ने दावा किया कि तेजस्वी और अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण (PC) अधिनियम की धारा 13(2) के साथ 13(1)(डी) से संबंधित आरोप गंभीर हैं.

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विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने 9 सितंबर को पारित आदेश में कहा कि आरोपों की गंभीरता अपने आप में जमानत पर रिहा आरोपी को विदेश यात्रा पर रोक लगाने का कारण नहीं है. अदालत ने सीबीआई की दलील को खारिज करते हुए कहा कि यह देखा जाना चाहिए कि यात्रा करने का अधिकार किसी भी व्यक्ति, जिसमें आरोपी भी शामिल है, का अंतर्निहित अधिकार है.

अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों की व्यक्तिगत यात्रा-संबंधी योजना और विवरण की अनावश्यक निगरानी के माध्यम से ऐसे अधिकारों को कम नहीं किया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि उसे सीबीआई की इस आपत्ति में कोई दम नहीं लगता कि अगर आवेदन स्वीकार कर लिया गया तो न्याय का उद्देश्य विफल हो जाएगा. इसके अलावा, आवेदक से यह अपेक्षा की जा सकती है कि वह, जैसा कि पिछली विदेश यात्रा के लिए लगाई गई शर्त थी, अपनी यात्रा के कार्यक्रम और विदेश यात्रा से पहले विदेश में अपने प्रवास के विवरण के बारे में अदालत को सूचित करे.  उनके वकील ने दलील दी कि आवेदक वर्तमान में बिहार राज्य में विपक्ष का नेता है और उसके भारत से फरार होने की कोई आशंका नहीं है.