राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार के दिन राज्य में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान विधि-व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की. इस दौरान हाईकोर्ट ने पुलिस और जिला प्रशासन के रवैये की कड़ी आलोचना की.
राजस्थान हाईकोर्ट ने सड़क जाम करने के विषय को स्वत: संज्ञान में लिया. जस्टिस दिनेश मेहता की बेंच ने कहा,
" राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के चलते सारा देश उत्सव मना रहा है. लेकिन असली उत्सव तब होगा जब समाज राम के आदर्शों और गुणों को अपने आचरण में लाएगा, जिसे राम ने अपनाया था"
कोर्ट ने राज्य के लोगों के द्वारा राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को सेलिब्रेट करने के लिए सड़क जाम करने पर आपत्ति जताई. कोर्ट ने कहा, कि
"राम ने समुद्र में सेतु बनाकर देश को श्रीलंका से जोड़ने का काम किया. वहीं, लोग सड़क जाम कर राम के नाम पर उत्सव बना रहे हैं."
कोर्ट ने मामले में निर्देश देते हुए कहा, कि पुलिस कमिश्नर और जिला प्रशासन ध्यान रखें कि आगे से किसी जुलूस, धरना और प्रदर्शन के लिए हाईकोर्ट तक आनेवाली सड़कों को जाम नहीं किया जाए.
जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट को सूचित करते हुए कहा कि सड़क से ब्लाकेज पूरी तरह से हटा दिए गए है. वहीं, मामले में प्रशासन की ओर से एडिश्नल एजवोकेट जनरल अनिल जोशी पेश हुए है.