रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आगामी 24 से 26 मई तक झारखंड के दौरे पर रहेंगी. इस दौरान वह रांची में झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन परिसर का उद्घाटन करने के अलावा ट्रिपल आईटी, रांची के कन्वोकेशन में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी.
खूंटी में महिला स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करने, देवघर के बाबा धाम मंदिर में पूजा-अर्चना करने और रांची स्थित राजभवन में विशिष्ट जनों से मुलाकात का भी उनका कार्यक्रम है.
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, 24 मई को रांची के धुर्वा में हाईकोर्ट के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई जस्टिस मौजूद रहेंगे.
लगभग 600 करोड़ की लागत से बनकर तैयार झारखंड का नया हाईकोर्ट देश का सबसे बड़ा हाई कोर्ट कैंपस है. इसका क्षेत्रफल सुप्रीम कोर्ट के कैंपस से भी साढ़े तीन गुणा ज्यादा है.
हाईकोर्ट के नए भवन के लिए झारखंड सरकार की ओर से 165 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है. इसमें से 72 एकड़ जमीन पर हाईकोर्ट बिल्डिंग सहित वकीलों के लिए आधारभूत संरचना तैयार की गयी है. शेष जमीन पर न्यायाधीशों और रजिस्ट्री के कर्मियों के लिए आवासों का निर्माण कराया जाना है.
राष्ट्रपति के कार्यक्रम की सूचना मिलने के बाद सरकार और प्रशासन की ओर से तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं.
राष्ट्रपति सबसे पहले 24 मई को दिल्ली से देवघर पहुंचेंगी. यहां पूजा अर्चना करने के बाद इसी दिन रांची आएंगी. इसी रोज शाम पांच बजे झारखंड उच्च न्यायालय के भवन उद्घाटन का कार्यक्रम हैं. अगले दिन 25 मई को राष्ट्रपति खूंटी में आयोजित होने वाले महिला सम्मेलन को संबोधित करेंगी. इसी दिन वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी(ट्रिपल आईटी) के दीक्षांत समारोह में भी शामिल होंगी.
राष्ट्रपति के कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर केंद्रीय जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने राज्यपाल के साथ राष्ट्रपति के झारखंड आगमन के क्रम में खूंटी में आयोजित होने वाले महिला सम्मेलन के संदर्भ में चर्चा की.
इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति झारखंड लाइवलीहुड मिशन की महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के साथ संवाद करेंगी. राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू दूसरी बार खूंटी जाएंगी. इससे पहले वे पिछले वर्ष 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर खूंटी के उलिहातू गई थीं.