आज पूर्व ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. पूर्व ट्रेनी आईएएस को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से कहा कि 21 मई तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब तक कोई ठोस जांच नहीं हुई है और पुलिस को जल्द जांच पूरी करने का निर्देश दिया है. साथ ही पूजा खेडकर को दो मई को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश होने का कहा है. मामले में अगली सुनवाई 21 मई को होगी.
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि 21 मई तक खेडकर के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि खेडकर से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम संरक्षण प्रदान किया. खेडकर पर आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए 2022 यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी (फेक सर्टिफिकेट) देने का आरोप है. उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है.
इससे पहले अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए, दिल्ली हाई कोर्ट ने खेडकर के खिलाफ प्रथम दृष्टया मजबूत मामला पाया और कहा कि सिस्टम में हेरफेर करने की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए जांच की जरूरत है, राहत देने से इस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. वहीं, 12 अगस्त, 2024 को जब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी किया, तब खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया गया था. इसे समय-समय पर बढ़ाया गया.
यूपीएससी ने खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की, जिसमें फर्जी पहचान के जरिए सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल है. दिल्ली पुलिस ने भी उनके खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए एफआईआर दर्ज की है. पूजा खेडकर ने इसी मामले में अग्रिम जमानत की मांग की है. वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी और ओबीसी तथा दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने की आरोपी पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को 2 मई को दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश होने को कहा है.