नाबालिग लड़की (Minor Girl) से रेप के आरोपी को जमानत दी गई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने POCSO केस में आरोपी को जमानत दी है. इस केस में आरोपी खुद 17 साल का है यानी नाबालिग (Minor) है. याचिका में आरोपी ने कहा कि उसकी बारहवीं की वार्षिक परीक्षा (Class 12 annual Board exam) होनी है. आरोपी ने केस में अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) की मांग की थी. पढ़ाई बाधित नहीं होने की वजह कोर्ट ने मामले में जल्दी सुनवाई कर आरोपी को राहत दिया.
जस्टिस कोटवाल ने इस मामल की सुनवाई की. कोर्ट ने सामने मौजूद तथ्यों को ध्यान में रख कर आरोपी को राहत दी. कोर्ट ने कहा पीड़िता के बयान से पता ये जाहिर है कि ये संबंध दोनों आपसी सहमति से थे.
कोर्ट ने कहा,
कोर्ट के दिए बयानों से साफ जाहिर है. इसके लिए दोनों की रजामंदी थी. पीड़िता नाबालिग है. उसकी सहमति मायने नहीं रखती. ऐसे में हम आरोपी की उम्र को भी अनदेखा नहीं कर सकते. आरोपी की उम्र भी 18 साल से कम है यानि नाबालिग है.
सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी (Investigating Officer) ने कोर्ट में बताया. इस अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) याचिका को पीड़िता एवं उसकी मां ने विरोध करने से मना किया है. पीड़िता और आरोपी की बारहवीं की परीक्षा होनी है. केस के चलते दोनों की पढ़ाई बाधित ना हो. इसलिए कोर्ट ने मामले में पहले सुनवाई कर आरोपी को गिरफ्तार होने से पहले ही राहत दी.
पीड़िता की मां ने एफआईआर दर्ज कराई. एफआईआर में आरोपी पर जबरन शीरीरिक संबंध बनाने के आरोप लगाया. एफआईआर में आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के सेक्शन 4 (पेनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट), 8 (सेक्सुअल असॉल्ट) ,12 (सेक्सुअल हैरैसमेंट) और आईपीसी की धारा 376 के तहत मामला दर्ज हुआ. बाद में, पीड़िता के प्रेग्नेंट होने का पता चला.