PM Modi on crimes against women: आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित जिला न्यायपालिका के 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ते अपराध से चिंता जाहिर की. पीएम मोदी ने कहा कि देश में पहले ही इन जघन्य अपराधों को रोकने के लिए कानून मौजूद है, उन्हें केवल सख्ती से जमीन पर उतारने की जरूरत है. पीएम मोदी ने कहा कि इन मामलों में तेजी से न्याय सुनिश्चित करने की जरूरत है. बता दें कि इस 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में जिला न्यायपालिका से संबंधित बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन, न्यायिक सुरक्षा और न्यायिक प्रशिक्षण सहित अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. सम्मेलन में देश भर की जिला न्यायपालिका से 800 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने पर जिला न्यायपालिका के 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने महिलाओं की सुरक्षा और राज्य सरकारों से लड़कियों से जुड़े मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की गुजारिश की है.
पीएम मोदी ने कहा,
“आज महिलाओं पर अत्याचार, बच्चों की सुरक्षा समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है. देश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन हमें इसे और अधिक सक्रिय बनाने की जरूरत है.”
राजनीतिक पंडितों की मानें तो वे पीएम मोदी के इस बयान को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की चिट्ठी से जोड़कर देख रहे हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र को लिखे पत्रों में उन्होंने बलात्कार और हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए केंद्रीय कानून और कठोर सजा की मांग की है.
दूसरी चिट्ठी में तृणमूल सुप्रीमो ने पीएम मोदी से नाराजगी जताई. बीते कल लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि महिलाओं से संबंधित संवेदनशील मामले में लिखी चिट्ठी पर प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया. जिसे लेकर पीएम मोदी ने आज कानून को सख्ती से पालन कराने की बात चिट्ठी से जोड़कर देखी जा रही है.
I have written this letter to the Hon'ble Prime Minister of India in connection with an earlier letter of mine to him. This is a second letter in that reference. pic.twitter.com/5GXKaX6EOZ
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 30, 2024
ममता बनर्जी ने लिखा कि मैंने यह पत्र भारत के माननीय प्रधानमंत्री को अपने पहले लिखे पत्र के सिलसिले में लिखा है. यह उस मामले में दूसरा पत्र है. इस चिट्ठी में ममता बनर्जी आगे लिखती हैं कि माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि मामलों की गंभीरता के कारण केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के विपरीत, फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) में स्थायी न्यायिक अधिकारियों को पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना चाहिए. अब इस मामले में भारत सरकार के निर्देश की आवश्यकता है. राज्य में हेल्पलाइन नंबर 112 और 1098 का कामकाज संतोषजनक है और आपातकालीन स्थितियों में डायल 100 का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है.
वहीं, 22 अगस्त को लिखी चिट्ठी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वे संवेदनशील मुद्दों पर त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय कानून बनाए और फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करें.
I have written this letter today to the Hon'ble Prime Minister of India: pic.twitter.com/pyVIiiV1mn
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) August 22, 2024
ममता ने पत्र में कहा कि ऐसे "संवेदनशील" मुद्दों को ऐसे जघन्य अपराधों के अपराधियों के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान करते हुए कड़े केंद्रीय कानून के माध्यम से व्यापक रूप से निपटने की आवश्यकता है.