Advertisement

भावनाओं को जरूरत से अधिक बहकने नहीं दिया जा सकता... PM Modi के विवादित टिप्पणी करने के मामले में दर्ज FIR रद्द करने से इंकार करते हुए Allahabad HC ने कहा

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग अस्वीकार्य है और यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हस्तक्षेप का मामला नहीं है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : June 9, 2025 10:37 AM IST

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट करने के लिए आरोपी अजीत यादव के खिलाफ दर्ज की गयी प्राथमिकी रद्द करने से इंकार किया है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि कथित पोस्ट भावनाओं में बहकर किया गया है. इस पर जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस अनिल कुमार की खंडपीठ ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ याचिकाकर्ता के पोस्ट में सरकार के मुखिया के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीन जून को दिये निर्णय में कहा कि भावनाओं को इस हद तक नहीं बहने दिया जा सकता कि इस देश के संवैधानिक अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर उन्हें बदनाम किया जाए. यह संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत अधिकार का प्रयोग कर प्राथमिकी में हस्तक्षेप करने का उचित मामला नहीं है, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है. याचिकाकर्ता अजीत यादव ने फेसबुक पर कथित रूप से तीन पोस्ट किये थे जिन्हें लेकर उसके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।इन पोस्ट में प्रधानमंत्री के लिए कई अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है.

(खबर पीटीआई इनपुट से है)

Also Read

More News