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Bombay High Court सिटिंग जज के खिलाफ दायर की PIL, अब बार काउंसिल ने अधिवक्ता के खिलाफ उठाया कदम

अधिवक्ता मुरसलिन शेख ने Justice Revati Mohite Dere  के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (BCMG) ने स्व:संज्ञान लेते हुए ये अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : April 4, 2023 6:01 AM IST

नई दिल्ली: बॉम्बे हाईकोर्ट के एक सिटिंग जज के खिलाफ जनहित याचिका दायर झूठे आरोप लगाने के मामले में मुंबई के अधिवक्ता के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने सख्त कार्यवाही शुरू की है.

जनहित याचिका में झूठे आरोप लगाने के लिए बार काउंसिल ने अधिवक्ता मुरसलिन शेख के खिलाफ जांच के लिए 3 सदस्यीय अनुशासनात्मक समिति का गठन किया है.

अधिवक्ता मुरसलिन शेख ने Justice Revati Mohite Dere  के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की थी. इस मामले में बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (BCMG) ने स्व:संज्ञान लेते हुए ये अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की है.

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बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा की ओर से जारी कि गई सूचना में कहा गया है कि बार के अधिवक्ता होने के बावजूद और जजों के संरक्षण अधिनियम और जनहित याचिका दायर करने के नियमों की जानकारी होने के बावजूद ऐसी जनहित याचिका दायर करने के लिए शेख के खिलाफ इस जांच को शुरू किया जा रहा है.

बार काउंसिल ने अपने सचिव अधिवक्ता प्रवीन रनपिसे के माध्यम से जारी कि गई सूचना में कहा गया है कि अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 के अनुसार जांच करने के लिए 3 सदस्यों की जांच समिति का गठन किया गया है.

बार काउंसिल की ओर से इस मामले को लेकर 27 मार्च को आयोजित कि गई बैठक में हाईकोर्ट के सिटिंग जज के खिलाफ निराधार और भड़काऊ आरोप लगाने वाली जनहित याचिका की निंदा की गई.

बार की ओर से जारी प्रेसनोट में कहा गया है कि जनहित याचिका में लगाए गए आरोप न्यायपालिका की छवि को बदनाम करने, याचिका को सनसनीखेज बनाने और वर्तमान जज की छवि को धूमिल का प्रयास है.

बार काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा ने सोशल मीडिया पर इस तरह के आरोपों को वायरल करने और सस्ते और प्रतिकूल प्रचार पाने की कोशिश करने वाले लोगो की भी निंदा की है.