चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) विवाद चर्चा में आने के बाद अब पंचकुला शहरी क्षेत्र में नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव का मुद्दा Punjab and Haryana High Court पहुंच गया है. याचिका में कोर्ट से पंचकुला में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए निर्दश देने की मांग की है. इस याचिका को Congress पार्षद ने कहा कि ये पद पिछले तीन सालों से खाली है और इन पदों के खाली रहने से नगर निगम संबंधित कार्यों के बाधित हो रही है.
याचिका में नगर निगम अधिनियम, 1994 (Municipal Corporation Act, 1994) और हरियाणा नगर निगम चुनाव नियम, 1994 (Haryana Municipal Election Act, 1994) को आधार बनाते हुए कहा गया है कि नए नगर निगम पार्षदों (Municipal Councilors) के चुनकर आने के 60 दिनों के अंदर इन पदों पर चुनाव कराने के नियम है. वहीं 30 दिसंबर, 2020 से ये पद खाली है.
देरी के कारण वैधानिक दायित्वों (Statutory Obligations) और संवैधानिक सिद्धांतों (Constitutional Principals) दोनों की अनदेखी हो रही है, जिससे पंचकुला में विभिन्न विकास संबंधित कार्यों में देरी हो रही है. ये देरी पंचकुला के निवासियों को नगर निगम कार्यो से वंचित करती है. याचिकाकर्ता ने कुछ राजनीतिक गुटों पर जानबूझकर इन चुनावों को टालने का आरोप लगाया है, जिसे हाईकोर्ट के ध्यान में लाकर इन पदों की रिक्तियों को जल्द से जल्द चुनाव कराकर भरने की मांग की.
इस याचिका को पंचकुला के पार्षद अक्षयदीप चौधरी ने अपने वकील प्रताप सिंह, ईश्वर सिंह, पार्थ सिंह और सचिन सिंह के माध्यम से याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार से पंचकुला नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदों के लिए शीघ्र चुनाव कराने के लिए निर्देश देने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन (Chandigarh Mayor Election) के परिणाम को चुनौती देने वाली AAP पार्षद की याचिका सुनी. कोर्ट ने मेयर इलेक्शन में रिर्टनिंग ऑफिसर अनिल मसीह (Returning Officer Anil Masih) की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर का आचरण लोकतंत्र की हत्या (mockery of democracy) करने जैसा है. इस मामले में सख्ती दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.