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पहलगाम आतंकी हमले के बाद Supreme Court में PIL, दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में पर्यटकों की सुरक्षा तय करने की मांग

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद सुप्रीम कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया कि पर्यटकों और आम लोगों के लिए आतंकवादी हमलों से बचाव, तत्काल मदद पाने और हमले के दौरान खुद को छिपाने के संबंध में सुरक्षा कार्यक्रमों और दिशानिर्देशों का अभाव है.

Supreme court, Pahalgam Attack

Written by Satyam Kumar |Published : April 23, 2025 1:28 PM IST

पहलगाम आतंवादी हमले की घटना सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गई है. इस याचिका में पहलगाम में कल हुए आतंकी हमले का हवाला देते दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र और राज्यो को निर्देश दिये जाने की मांग की गई है. याचिका में मांग की गई है कि आतंकी हमलों के लिहाज से ऐसे संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए जाए. वकील विशाल तिवारी द्वारा इस याचिका में अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए ज़रूरी कदम उठाने के निर्देश जारी किए जाने की मांग की गई है.

पर्यटकों की सुरक्षा की मांग

यह पहली बार है जब पर्यटकों को इस तरह से टार्गेट किया गया है और इतनी बड़ी संख्या में उनकी जान गई है. याचिका में कहा गया है कि यह देश के उन लोगों की सुरक्षा के सवाल को उठाता है, जो आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों और घाटियों जैसे जम्मू और कश्मीर में पर्यटन के लिए आते हैं. याचिका में यह कहा गया है कि पर्यटकों और आम लोगों के लिए सुरक्षा कार्यक्रमों और दिशानिर्देशों की कमी है. यह आवश्यक है कि लोगों को यह जानकारी दी जाए कि जब आतंकवादी हमला होता है, तो उन्हें कैसे बचना चाहिए, तुरंत सहायता कैसे प्राप्त करें और खुद को कैसे छुपाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि पहलगाम में पर्यटक आतंकवादियों के लिए आसान लक्ष्य बन गए हैं, क्योंकि वे आमतौर पर असुरक्षित और बिना किसी सुरक्षा के होते हैं.

याचिका में यह भी कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में हमले करना मुश्किल होता है क्योंकि वहां पुलिस बल की नियमित तैनाती होती है, लेकिन पर्यटन स्थलों की भौगोलिक स्थिति ऐसी होती है कि वहां लोग आसानी से टार्गेट किए जा सकते हैं. इसलिए, केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा तैनात की जाए, विशेष रूप से गर्मी के मौसम में. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि वीवीआईपी हमेशा सुरक्षा में रहते हैं. जब वे गुजरते हैं, तो नागरिकों के लिए सड़कें बंद कर दी जाती हैं और उनकी सुरक्षा के लिए बहुत सारे सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाता है, जबकि आम जनता हमेशा संकट में रहती है. यह असमानता इस मुद्दे को और अधिक गंभीर बनाती है.

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26 लोगों की बेरहमी से हत्या

इस आतंकवादी हमले की घटना मंगलवार को बाइसरण घाटी में हुई, जो पहलगाम के पर्यटक शहर के पास है. गवाहों के अनुसार, एक  आतंकवादियों का समूह पास के जंगलों से बाहर आया और नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे. इस अचानक और बर्बर हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें एक खुफिया अधिकारी भी शामिल था, और दर्जनों घायल हुए. रिपोर्टों के अनुसार, दो से तीन आतंकवादी जो सेना की वर्दी पहने हुए थे, आए और बाइसरण क्षेत्र में घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर गोलीबारी की. यह घटना मंगलवार को लगभग 2:30 बजे हुई. बाइसरण एक छोटा सा घास का मैदान है, जो पहलगाम बाजार से 3 से 4 किमी दूर है और पर्यटक वहां पहुँचने के लिए घोड़ों का उपयोग करते हैं क्योंकि वहां कोई मोटर योग्य सड़क नहीं है.