नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका में केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किए है. जिसमें ये अनुरोध किया गया है कि देश के सार्वजनिक तेल कंपनियो को उनके CSR fund का योगदान एनसीआर के public transport में करने के लिए निर्देशित किया जाए, ताकि जीवाश्म ईंधन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई की जा सके.
Tsunami on Road एनजीओर की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि Delhi-NCR में प्रदूषण का एक बड़ा कारण परिवहन क्षेत्र है इसलिए तेल कंपनियो को प्रदूषण को कम करने में योगदान देना चाहिए.
याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी और उसके आसपास सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों का अध्ययन करने और सुझाव देने के लिए तकनीकी और पर्यावरण विशेषज्ञों की एक समिति बनायी जाए.
याचिका में कहा गया है कि Ministry of Earth Sciences की 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के प्रदूषण पैदा करने में परिवहन क्षेत्र महत्वपूर्ण स्रोत है और यह प्रदूषण का PM2.5 (41%) उत्सर्जन करता है. रिपोर्ट के अनुसार वाहन प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण और सबसे खतरनाक प्रदूषक कारक है.
याचिकाकर्ता के अनुसार, "दिल्ली जैसे भारी प्रदूषित शहर के लिए एक बेहतर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की सख्त आवश्यकता है. यह दुनिया भर में एक सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत तथ्य है कि वायु प्रदूषण, यातायात की भीड़ को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर सार्वजनिक परिवहन के तरीके सबसे महत्वपूर्ण और लागत प्रभावी साधन हैं."
याचिका में अनुरोध किया गया कि Delhi-NCR में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने और पर्यावरण सरंक्षण के लिए आवश्यक है कि वह अपने CSR के तहत फंड का योगदान करें.
अधिवक्ता सुमंत भारद्वाज के माध्यम से दायर याचिका में आगे कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों के अनुसार, CSR द्वारा कवर किए जाने वाले तीन सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा हैं.
याचिका में कहा गया है कि कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व नीति नियम, 2014 के तहत, एक कंपनी को अपने लाभ का कम से कम 2% CSR पर खर्च करना चाहिए और तेल कंपनियां देश में सबसे ज्यादा लाभ कमाने वाली कंपनियों में से हैं. याचिका में कहा गया है कि देश की तीन कंपनिया ही लगभग ₹ 1 लाख करोड़ का लाभ कमा रही है.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा और जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने याचिका पर सुनवाई के बाद Ministry of Petroleum and Natural Gas, Ministry of Road Transport and Highways और Ministry of Environment and Forest को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.