नई दिल्ली: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कलबुर्गी स्थित एक नर्सिंग कॉलेज को आदेश दिया है कि वह उन सभी 10 विद्यार्थियों को 10-10 लाख रुपये बतौर मुआवजा प्रदान करे जिन्हें कॉलेज ने फर्जीवाड़ा करके प्रवेश दिया था।
पाया गया कि मदर मैरी कॉलेज ऑफ नर्सिंग ने प्रवेश लेने की अंतिम तिथि बीतने के बाद भी विद्यार्थियों को प्रवेश दिया और उनके नाम पंजीकरण पुस्तिका और उपस्थिति रजिस्टर में शामिल किये।
हालांकि, कॉलेज ने दावा किया था कि वह इन विद्यार्थियों का ब्योरा विश्वविद्यालय की साइट पर अपलोड नहीं कर सकता था क्योंकि तकनीकी समस्या थी।
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार उच्च न्यायालय ने कहा कि वह स्वास्थ्य विज्ञान राजीव गांधी विश्वविद्यालय (आरजीयूएचएस) को यह निर्देश नहीं दे सकता कि वह कॉलेज द्वारा किये गये फर्जीवाड़े को स्वीकार कर ले। चूंकि विद्यार्थी अब परीक्षा देने में समर्थ नहीं हैं, इसलिए कॉलेज को उनको मुआवजा देना चाहिए।
अदालत ने कहा कि कॉलेज की गलती के चलते इन छात्रों का एक साल खराब हो गया, ये बहुत गंभीर बात है। ऐसे में कॉलेज को छात्रों को आर्थिक रूप से मुआवजा देना चाहिए, इससे उनका एक साल नहीं मिलेगा लेकिन उनका दर्द कुछ कम होगा। अदालत ने कॉलेज को कहा है कि 10 प्रभावित छात्रों में से प्रत्येक को 10 लाख रुपये का भुगतान करें।