Advertisement

बिना Identity Card के नहीं मिला इलाज... परेशानी लेकर HIV संक्रमित ट्रांसवुमन पहुंची हाईकोर्ट, जानें फिर क्या हुआ

याचिकाकर्ता ट्रांसवुमन (Transwoman)  ने हाईकोर्ट को बताया कि जब वह नाबालिग थी, तब एक मानव तस्कर ने उसका अपहरण कर उसका यौन शोषण किया. इसी दौरान जांच कराने पर उसे HIV संक्रमित (HIV Positive) होने का पता चला. बेहतर इलाज के लिए महिला को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी था, लेकिन पहचान साबित करने के लिए उसके पास कोई डॉक्यूमेंट नहीं है.

सांकेतिक चित्र और दिल्ली हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : January 2, 2025 8:24 AM IST

हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में एक संवेदनशील मामला आया, जिसमें एक एचआईवी संक्रमित ट्रांसवुमन ने बिना पहचान पत्र (Identity Card) के इलाज मुहैया कराने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. याचिकाकर्ता ट्रांसवुमन (Transwoman)  ने हाईकोर्ट को बताया कि जब वह नाबालिग थी, तब एक मानव तस्कर ने उसका अपहरण कर उसका यौन शोषण किया. इसी दौरान जांच कराने पर उसे HIV संक्रमित (HIV Positive) होने का पता चला. बेहतर इलाज के लिए महिला को अस्पताल में भर्ती होना जरूरी था, लेकिन पहचान साबित करने के लिए उसके पास कोई डॉक्यूमेंट नहीं है. याचिका में आगे बताया कि उसने आश्रय के लिए कई गैर सरकारी संगठनों से संपर्क किया था लेकिन कोई आधिकारिक पहचान प्रमाण नहीं होने के कारण उसे रहने के लिए जगह भी नहीं मिल सका है. आइये जानते हैं कि ट्रांसवुमन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा...

बिना पहचान पत्र मांगे ट्रांसवुमन का करें इलाज: HC

जस्टिस संजीव नरूला ने ‘ट्रांसवुमन’ की याचिका पर दिल्ली सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया तथा उसके पुनर्वास और आश्रय के लिए निर्देश जारी किए.

अदालत ने आदेश दिया,

Also Read

More News

‘‘नोटिस जारी करें... इस आदेश के माध्यम से प्रतिवादी संख्या 4 (लोक नायक अस्पताल, नयी दिल्ली) को याचिकाकर्ता की जांच करने का निर्देश जारी किया जाता है और यदि उसे किसी उपचार की आवश्यकता हो, तो यह उसे पहचान दस्तावेजों की परवाह किए बगैर उपलब्ध कराया जाए.’’

दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकनायक अस्पताल को निर्देश दिया कि वह पहचान प्रमाण मांगे बिना एचआईवी संक्रमित एक ट्रांसवुमन का इलाज करे. साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या याचिकाकर्ता के पुनर्वास के लिए उसे कोई कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है. अदालत ने संबंधित अधिकारियों से उसकी स्वास्थ्य स्थिति और दिल्ली में गिरते तापमान को ध्यान में रखते हुए उसके लिए उपयुक्त आश्रय खोजने को कहा है.

अदालत इस मामले पर 9 जनवरी को सुनवाई करेगी.

(खबर PTI इनपुट पर आधारित है)