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यमन में निमिषा प्रिया की फांसी टल गई है... सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया, केन्द्र सरकार ने भी रखा अपना पक्ष, जानें सुनवाई के दौरान-क्या कुछ हुआ

निमिषा प्रिया की यमन में फांसी रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि फांसी की सजा टल गई है. हम सरकार के आभारी है पर हमें यमन जाने की जरूरत है ताकि हम मृतक के घरवालों से बात कर सके.

Nimisha Priya, Supreme Court

Written by Satyam Kumar |Published : July 18, 2025 11:52 AM IST

यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को खास निर्देश देने से इंकार किया. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से केन्द्र सरकार को निर्देश देने की मांग की थी, जिससे यमन में नर्स की फांसी रूक जाए. बताते चलें कि केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली 38 वर्षीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन की एक अदालत ने 2017 में अपने यमनी बिजनेस पार्टनर की हत्या का दोषी करार दिया गया था. उन्हें 2020 में मौत की सजा सुनाई गई थी और उनकी अंतिम अपील 2023 में खारिज कर दी गई थी. वह वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है.

शीर्ष अदालत यमन में फांसी की सजा का सामना कर रही प्रिया (38) को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने के वास्ते केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक याचिका पर सुनवाई कर रही है. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले में याचिकाकर्ता 'सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' नाम की संस्था ने कोर्ट से इजाजत मांगी कि उन्हें इस मामले में मृतक के घरवालों से बातचीत के यमन जाने की इजाजत दी जाए. वकील ने कोर्ट को बताया कि फांसी की सज़ा रुक गई है. हम सरकार के आभारी है, पर हमें यमन जाने की जरूरत है ताकि हम मृतक के घरवालों से बात कर सके.

सरकार की ओर से अटॉनी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि कुछ ऐसा हो जिसका गलत नतीजा निकले. हम चाहते है कि यह महिला सकुशल वापस आ जाए. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सरकार के पास ज्ञापन दीजिए. सरकार अपने हिसाब से इस पर फैसला लेगी. हम इस पर कुछ नहीं कह सकते. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के पास ज्ञापन देने की इजाज़त देते हुए मामले की सुनवाई 14 अगस्त के लिए टाल दिया है.

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