नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) गो फर्स्ट एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली तीन कंपनियों की तरफ से दायर अर्जियों पर 22 मई को अपना आदेश पारित करेगा. गो फर्स्ट ने वित्तीय संकट का हवाला देते हुए स्वैच्छिक दिवाला समाधान की अर्जी एनसीएलटी में लगाई थी जिसे मंजूर कर लिया गया है.
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, एयरलाइन को पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील की थी.
एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली एक पीठ ने सोमवार को इन तीनों कंपनियों की याचिकाओं पर सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
इसके साथ ही पीठ ने कहा कि संबंधित पक्ष अगर कोई अतिरिक्त कागजात रखना चाहें तो 48 घंटों में पेश कर सकते हैं. पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों- एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड, जीवाई एविएशन और एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स ने ये याचिकाएं दायर की थीं.
उन्होंने कुल मिलाकर गो फर्स्ट को 21 विमान दिए हुए हैं. गो फर्स्ट का विमान परिचालन तीन मई से ही बंद चल रहा है. दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाने के बाद से कई विमान प्रदाता कंपनियों ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अपने 45 विमानों की सूचीबद्धता खत्म कर वापस लेने की मांग रखी है.
एनसीएलटी ने पिछले हफ्ते एयरलाइन की अर्जी स्वीकार करते हुए दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की मंजूरी दी थी. इसके साथ ही उसने अंतरिम समाधान पेशेवर की भी नियुक्ति की है.