बेंगलुरू कोर्ट ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मुदा स्कैम में जांच की इजाजत दे दी है. बेंगलुरू कोर्ट ने मैसूर पुलिस लोकायुक्त को सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश दिए है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर के जांच के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर दी थी.
स्पेशल कोर्ट में जज संतोष गजानन भट्ट ने एक अन्य शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं. अदालत ने पुलिस लोकायुक्त को मामले के 90 दिन के भीतर अपनी जांच के आदेश देने को कहा है.
बताते चलें कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17ए और बीएनएसएस की धारा 218 के तहत जांच के आदेश दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने गर्वनर के आदेश को संशोधित रूप में बरकरार रखा है, जिसमें पीसी एक्ट की धारा 17ए के तहत दिए जांच के आदेश को बरकरार रखा है. वहीं, बीएनएसएस की धारा 218 के तहत जांच के आदेश को खारिज किया है.
31 अगस्त को कर्नाटक के राज्यपाल के कार्यालय ने राज्य के उच्च न्यायालय को बताया कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम सिद्धारमैया ने गवर्नर के इसी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. सीएम ने याचिका में दावा किया कि गवर्नर ने ये इजाजत बिना उचित कारणों को ध्यान में रखते हुए दिया है. इस दावे को हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि ये मानना मुश्किल है कि सीएम मुदा स्कैम मामले में शामिल नहीं थे.