आर्थिक अपराध अदालत ने कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव को सोने की तस्करी के एक मामले में सशर्त जमानत दे दी है. हालांकि, COFEPOSA मामले के तहत वह अभी भी जेल में रहेंगी. साथ ही रान्या राव और उनके सह-आरोपी तारुण कोंडाराजू को 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और दो जमानतदारों के साथ रिहा किया गया है. उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया है और इसी तरह के अपराध न करने का आदेश दिया गया है. बता दें कि रान्या राव को 3 मार्च को बेंगलुरु के केंपेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था, जब डीआरआई अधिकारियों ने उनके पास से सोना बरामद किया था. सीबीआई ने बाद में डीआरआई के अपर निदेशक अभिषेक चंद्र गुप्ता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की.
अदालत ने रान्या और तरुण की रिहाई की शर्तें निर्धारित की. दोनों को दो जमानतदारों और 2 लाख रुपये के व्यक्तिगत बॉण्ड जमा करने होंगे. इसके अलावा, अदालत ने उन्हें देश छोड़ने से भी रोक दिया है और आदेश दिया है कि वे किसी भी तरह के अपराध में शामिल ना हो.
रान्या राव को 3 मार्च को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था. वहां, डीआरआई अधिकारियों ने उन्हें सोना ले जाते हुए पकड़ा था. इस गिरफ्तारी के बाद, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अभिषेक चंद्र गुप्ता, डीआरआई के अतिरिक्त निदेशक की शिकायत पर एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की.
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रान्या राव को 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोप में 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पकड़े गए सोने की कीमत 12.56 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई. रान्या राव और मामले के अन्य दो आरोपी फिलहाल बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं. मामले की जांच डीआरआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है. राज्य सरकार ने डीजीपी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल टीम बनाई है. सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है. डीआरआई के सोने की तस्करी मामले की जांच से पता चला है कि अभिनेत्री मामले के तीसरे आरोपी जैन संग हवाला लेनदेन में शामिल थी. जांच में पाया गया है कि जैन की मदद से रान्या राव ने 49.6 किलोग्राम सोने की तस्करी की और 38.4 करोड़ रुपये के हवाला धन को दुबई में स्थानांतरित किया.