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एक साल तक जेल में रहेगी Ranya Rao? गोल्ड स्मलिंग केस में HC से जमानत नहीं मिली और अब COFEPOSA Act भी लगा

जांच अधिकारियों ने रान्या राव के खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (COFEPOSA Act) लगाया है, जिससे उन्हें एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है.

Ranya Rao

Written by Satyam Kumar |Published : April 26, 2025 5:29 PM IST

सोने की तस्करी मामले में कन्नड़ अभिनेत्री व कर्नाटक के पूर्व डीजीपी की बेटी रान्या राव की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. पहले उनकी जमानत की मांग कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दी और अब उनके खिलाफ अधिकारियों ने विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (COFEPOSA Act) लगाया है, जिसके तहत राज्य या केन्द्र सरकार, आरोपी को साल भऱ तक हिरासत में रख सकती है.

रान्या राव की जमानत की मांग खारिज

कर्नाटक हाई कोर्ट ने शनिवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. वहीं, इस मामले में दूसरे आरोपी तरुण राजू को भी जमानत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस सावनूर विश्वजीत शेट्टी की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में आदेश पारित किया.

सुनवाई के दौरान रान्या राव की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट संदेश चौटा ने कहा कि डीआरआई ने तलाशी और जब्ती के दौरान उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया है. उन्होंने सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 102 का हावाला देते हुए कहा गया कि तलाशी ली जा रही किसी व्यक्ति को मजिस्ट्रेट या वरिष्ठ सीमा शुल्क अधिकारी के समक्ष ले जाने का अधिकार है, जिसका पालन नहीं किया गया. वकील ने तलाशी दस्तावेजों में अनियमितताओं पर भी प्रकाश डाला और दावा किया कि तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने वाले अधिकारी ने झूठा दावा किया कि वह एक राजपत्रित अधिकारी है. सीनियर वकील ने आगे आरोप लगाया कि राव के परिवार को उनकी गिरफ्तारी के बारे में ठीक से सूचित नहीं किया गया था. उन्होंने दावा किया कि उनके पति को केवल फोन कॉल पर सूचित किया गया था, लिखित में नहीं, जो नियमों के खिलाफ है. उन्होंने यह भी ध्यान दिया कि चूंकि कथित अपराध यौगिक है और सात साल से कम की कैद से दंडनीय है, इसलिए जमानत दिए जाने का प्रचलन है. उन्होंने इस आधार पर उदारता का अनुरोध किया कि राव एक महिला हैं और पहले ही 49 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं।

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राजू के वकील ने तर्क किया कि उनके मुवक्किल को राव के साथ उनके व्यावसायिक संबंध के कारण गलत तरीके से फंसाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भले ही राजू ने दुबई में सोना सौंप दिया हो, इसका यह अर्थ नहीं है कि वह तस्करी की साज़िश का हिस्सा था, खासकर अगर राव ने भारत में आने पर सोने की घोषणा करने या सीमा शुल्क का भुगतान करने में विफल रहा हो.

DRI ने जमानत का विरोध किया

डीआरआई ने जमानत याचिकाओं का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि तस्करी का यह ऑपरेशन एक बार की घटना नहीं थी, बल्कि कम से कम 100 किलो सोने से जुड़े एक बड़े रैकेट का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि रान्या राव बेंगलुरु में सोना तस्करी करती थी और उसे एक अन्य आरोपी, साहिल जैन को सौंपती थी. राजू दुबई से सोना खरीदता था और अधिकारियों को गुमराह करता था.

डीआरआई के अनुसार, राव बेंगलुरु में सोना तस्करी करती थी और इसे एक अन्य आरोपी, साहिल जैन को सौंप देती थी, जिसका आपराधिक इतिहास भी रहा है. डीआरआई ने कहा कि अमेरिकी नागरिक राजू दुबई में सोना खरीदता था और जिनेवा या थाईलैंड जैसे गंतव्यों के लिए टिकट बुक करके अधिकारियों को गुमराह करता था, जबकि वास्तव में वह सोना राव को सौंप देता था. उन्होंने बताया कि राव और राजू 31 बार दुबई गए थे, जिनमें से 25 में उसी दिन वापसी यात्रा शामिल थी. क्या उचित गिरफ्तारी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था, इस पर डीआरआई ने दावा किया कि राव के पति को वास्तव में गिरफ्तारी की जानकारी लिखित में दी गई थी. उन्होंने यह भी बताया कि अन्य सुराग, जिसमें राव ने हवाई अड्डे पर एक प्रोटोकॉल अधिकारी तक कैसे पहुंचा और उनके पिता, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की भूमिका की जांच अभी बाकी है. हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका कर दी है.

क्या है COFEPOSA Act?

इस मामले में रान्या राव की जमानत याचिका अदालत दो बार खारिज कर चुकी है. इस बीच, उन पर विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (सीओएफईपीओएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके तहत केंद्र या राज्य सरकार किसी व्यक्ति को अधिकतम 1 साल तक हिरासत में रख सकती है. केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी), जो वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक मुख्य एजेंसी है, ने एक्ट्रेस और अन्य आरोपियों के खिलाफ सीओएफईपीओएसए अधिनियम (COFEPOSA Act, 1074) लागू किया है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने यह कदम रान्या राव और मामले में अन्य द्वारा जमानत प्राप्त करने के बार-बार प्रयासों के बाद उठाया है. अन्य आरोपी तरुण राजू और साहिल सकारिया जैन पर भी सीओएफईपीओएसए अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

सोने की तस्करी और हवाला का मामला

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रान्या राव को 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोप में 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. पकड़े गए सोने की कीमत 12.56 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई. रान्या राव और मामले के अन्य दो आरोपी फिलहाल बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं. मामले की जांच डीआरआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है. राज्य सरकार ने डीजीपी रामचंद्र राव की भूमिका की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में स्पेशल टीम बनाई है. सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है. डीआरआई के सोने की तस्करी मामले की जांच से पता चला है कि अभिनेत्री मामले के तीसरे आरोपी जैन संग हवाला लेनदेन में शामिल थी. जांच में पाया गया है कि जैन की मदद से रान्या राव ने 49.6 किलोग्राम सोने की तस्करी की और 38.4 करोड़ रुपये के हवाला धन को दुबई में स्थानांतरित किया.