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NEET के जरिए MBBS में नामांकन को लेकर Rajan Panel की रिपोर्ट क्या है? पेपर लीक की शोर के बीच रिपोर्ट की चर्चाएं तेज

NEET Protest

तमिलनाडु सरकार ने NEET-आधारित प्रवेश प्रक्रिया के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए न्यायमूर्ति ए.के. राजन की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2017-18 में NEET के लागू होने के बाद अंग्रेजी छात्रों का नामांकन प्रतिशत तमिल भाषा की छात्रों की तुलना में काफी बढ़ा है.

Written by Satyam Kumar |Published : June 11, 2024 7:02 PM IST

Rajan Panel Report: NEET के परिणामों को लेकर MBBS परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्र लगातार NTA के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हो, परिणाम को रद्द करने के साथ दोबारा से परीक्षा लेने की मांग पर अड़े हैं. अब तो छात्र सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए हैं. इस बीच तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने राजन पैनल की रिपोर्ट के बारे में बताकर चर्चा का एक नया दौड़ छेड़ दिया है. डीएमके चीफ स्टालिन ने NEET परीक्षा को लेकर रंजन पैनल की रिपोर्ट हवाला दिया है. डीएमके चीफ ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर बनी विधेयक को हमने सदन से पास कर दिया है. अब उस विधेयक को तमिलनाडु के राज्यपाल की मंजूरी मिलनी बाकी है.

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने क्या बताया?

डीएमके चीफ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने भी सोशल साइट X पर ट्वीट करके रंजन समिती की रिपोर्ट की चर्चा कर रहे हैं.

तमिल नाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने लिखा. डीएमके (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) ने सबसे पहले #NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के खतरों को पहचाना और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया. सत्ता में आने के बाद, हमने जस्टिस ए.के. राजन की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया ताकि NEET-आधारित प्रवेश प्रक्रिया के प्रभाव का अध्ययन किया जा सके. समिति की रिपोर्ट, जिसमें छात्रों, अभिभावकों और जनता से मिले इनपुट और व्यापक डेटा विश्लेषण शामिल है, को प्रकाशित किया गया है और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा किया गया है ताकि NEET की गरीब-विरोधी और सामाजिक न्याय-विरोधी प्रकृति को उजागर किया जा सके.

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समिति की सिफारिशों के आधार पर, तमिलनाडु विधान सभा ने NEET से छूट के लिए एक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया. यह विधेयक अब राष्ट्रपति की स्वीकृति की प्रतीक्षा कर रहा है, जिसमें तमिलनाडु के राज्यपाल की ओर से अत्यधिक देरी हो रही है. तमिलनाडु सीएम स्टालिन ने ट्विटर अकाउंट पर रंजन पैनल कमिटी की रिपोर्ट के लिंक भी साझा किए, जो कई भाषाओं में है.

 राजन पैनल रिपोर्ट की खास बातें

तमिलनाडु सरकार ने NEET-आधारित प्रवेश प्रक्रिया के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए न्यायमूर्ति ए.के. राजन की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2017-18 में NEET के लागू होने के बाद अंग्रेजी छात्रों का नामांकन प्रतिशत तमिल भाषा की छात्रों की तुलना में काफी बढ़ा है. वहीं ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्र, तमिल भाषा में पढ़ने वाले छात्रों, कम आय वाले परिवार से आने वाले छात्रों की भागीदारी कमी आई है.राजन समिति ने पाया कि NEET के बाद अमीर परिवारों के बच्चों का मेडिकल कॉलेजों में दाखिला बढ़ गया, जबकि गरीब परिवारों के बच्चों का दाखिला कम हो गया.