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Fake NCC Camp: दो पीड़ित को पांच लाख एवं अन्य 21 को दें एक लाख रूपये मुआवजा, HC ने तमिलनाडु सरकार को दिया आदेश

मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया है कि वह कृष्णागिरी में एक फेक एनसीसी कैंप से प्रभावित हुई दो पीड़ित लड़कियों को 5-5 लाख रुपये तथा 21 अन्य लड़कियों को 1-1 लाख रुपये का मुआवजा दे.

Written by My Lord Team |Updated : September 20, 2024 8:01 AM IST

Fake NCC Camp: मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि वह हाल ही में तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के एक स्कूल में फर्जी एनसीसी कैंप में कथित तौर पर यौन शोषण की शिकार हुई दो पीड़ित लड़कियों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दे. अदालत ने सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह उन 21 अन्य लड़कियों को भी एक-एक लाख रुपये का मुआवजा दे, जिनके साथ भी दुर्व्यवहार किया गया था.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डी कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति पीबी बालाजी की पीठ ने अधिवक्ता एपी सूर्यप्रकाशम द्वारा दायर जनहित याचिका पर आगे के अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया, जिसमें घटना की जांच कृष्णगिरी पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग की गई थी.

बहस के दौरान, सूर्यप्रकाशम ने कहा कि पीड़ितों को केवल अंतरिम मुआवजा दिया गया था. उन्हें अपने जीवन के अंत तक क्रॉस ढोना होगा. इसलिए, उन्हें और मुआवजा दिया जाना चाहिए. पीठ ने कहा कि सरकार दो पीड़ितों को 5 लाख रुपये और शेष 21 लड़कियों को एक-एक लाख रुपये दे सकती है. पीठ ने कहा कि मुआवजे की राशि कृष्णागिरी जिले में महिला न्यायालय में जमा की जाए तथा पीड़ित परिवार मुआवजा राशि का दावा करने के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं. पीठ ने स्पष्ट किया कि मुआवजा राशि की वसूली के लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अधिकारी स्वतंत्र हैं। पीठ ने कहा कि तमिलनाडु राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि वापस लेने में सहायता करनी चाहिए. इससे पहले, महाधिवक्ता पीएस रमन ने प्रस्तुत किया कि जांच की निगरानी के लिए विशेष जांच दल में एक आईजी, एक एसपी तथा दो महिला डीएसपी को अतिरिक्त रूप से नियुक्त किया गया है.

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उन्होंने कहा कि अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं. 756 गवाहों की जांच की गई है तथा 161 बयान दर्ज किए गए हैं. तीस पीड़ितों की जांच की गई है. उन्होंने कहा कि सात आरोपियों को पुलिस हिरासत में लिया गया है. विवादित स्कूल के संबंध में, स्कूल शिक्षा निदेशक की अनुशंसा के आधार पर, इसके मामलों की देखरेख के लिए एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया है. तीन अन्य स्कूलों के संबंध में, कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं तथा उनके उत्तर प्राप्त होने के पश्चात आदेश पारित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि टीएनएसएलए की रिपोर्ट को एसआईटी ने अपने कब्जे में ले लिया है. पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई 30 सितंबर तक स्थगित कर दी.