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'केन्द्रीय मोटर व्हेकिल अधिनियम का पालन राज्य में सुनिश्चित करें', मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु राज्य को दिया आदेश 

मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को राज्य में मोटर व्हेकिल अधिनियम में हुए संशोधनों को राज्य में लागू करने के आदेश दिए हैं.

Written by Satyam Kumar |Published : July 16, 2024 1:33 PM IST

Motor Vehicle Act Amendments: हाल ही में मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को राज्य में मोटर व्हेकिल अधिनियम में हुए संशोधनों को राज्य में लागू करने के आदेश दिए हैं. आदेश में रिजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) को निर्देश दिया कि नई गाड़ियों की फिजिकल वेरिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए हार्ड कॉपी जारी करने से बचने के निर्देश गिए हैं. मद्रास हाईकोर्ट का ये फैसला फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की याचिका पर आया है. FADA ने दावा किया कि नए संशोधन लागू होने से गाड़ियो के रजिस्ट्रेशन में प्रक्रियागत देरी व अन्य समस्याओं को दूर करेगी.

FADA ने डीलर प्वाइंट पंजीकरण, ऑनलाइन फैंसी नंबर आवंटन, अस्थायी रजिस्ट्रेशन और डिजाइन (प्रोटोटाइप) अप्रूवल को समाप्त करने तथा ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड पर जोर न देने जैसी चुनौतियों को संबोधित करते हुए कई रिट याचिकाएं दायर की थीं.

FADA ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अनुसार वाहन पंजीकरण के लिए राशन कार्ड की मांग को रोकने के लिए प्रतिवादियों को निर्देश देने की मद्रास हाईकोर्ट से मांग की. FADA ने दावा किया कि तमिलनाडु सरकार ने मोटर व्हेकिल अधिनियम 2019 के इन संशोधनों को राज्य में लागू नहीं किया था. इन संशोधनों का उद्देश्य प्रक्रियाओं को सरल बनाना और VAHAN पोर्टल के माध्यम से परेशानी मुक्त, नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करना है. FADA ने इन संशोधनों को लागू करने की मांग की है.

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मद्रास हाईकोर्ट ने इन संशोधनों को लागू करने के निर्देश दिए.

हाईकोर्ट ने कहा,

“भारतीय संविधान के अनुच्छेद 254 के अनुसार, यदि किसी राज्य के विधानमंडल द्वारा कानून का कोई प्रावधान बनाया जाता है और वह संसद द्वारा बनाए गए कानून के किसी प्रावधान के प्रतिकूल है, तो संसद द्वारा बनाया गया कानून मान्य होगा और राज्य के विधानमंडल द्वारा बनाया गया कानून, ऐसी प्रतिकूलता की सीमा तक, शून्य होगा.”

मद्रास हाईकोर्ट ने आगे कहा कि राज्य सरकार 1 सितंबर, 2019 से प्रभावी मोटर वाहन अधिनियम संशोधनों को बिना देरी किए लागू करें.