बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर हुई. जिसमें मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हो रहे आंदोलन पर रोक लगाने की मांग थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने आंदोलन को रोकने से मना किया. वहीं, सरकार को आंदोलन की वजह से सड़क जाम की स्थिति को नियंत्रित रखने के आदेश दिए. महाराष्ट्र राज्य ने जबाव में कहा कि सरकार मराठा आरक्षण की मांग को लेकर होनेवाले प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक जगहों एवं सड़क जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव उपाय करेगी.
सीनियर एडवोकेट गुणरत्न सदावर्ते ने मराठा आरक्षण के लिए हो रहे आंदोलन को रोकने के लिए याचिका दायर की. इस मामले में जस्टिस एएस गडकरी और जस्टिस श्याम चांडक की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल को मुंबई मे प्रवेश करने से रोक लगाने पर मना कर दिया. सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने बताया कि नेता मनोज जारांगे ने धरने के लिए विशेष स्थान की इजाजत नहीं मिली है. ऐसे में मनोज जारांगे अपने हजारों कार्यकर्ताओं सहित मुंबई में धरना प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं तब राज्य इन परिस्थितियों में 'अमित सहनी (शाहीन बाग) बनाम कमिश्नर ऑफ पुलिस और अन्य' मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय कानूनों के अनुसार कार्रवाई करेगी.
सड़क पर जाम एवं आवागमन रोकने की स्थिति के मसले पर राज्य का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कहा, राज्य हरसंभव तरीके से सार्वजनिक रास्ते पर रूकावट को रोकने के लिए प्रयास करेगी. ऐसे में आदोलन को चलने देने के लिए राज्य जगह देने का विचार भी करेगी जिससे आवागमन अवरूद्ध की स्थिति उत्पन्न ना हो.
कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने ओबीसी (OBC) कोटे से मराठाओं के लिए आरक्षण की मांग की. मनोज जारांगे ने आरक्षण मांग को लेकर 20 जनवरी से जालना से मुंबई की ओर पैदल मार्च पर निकलें. आज, 26 जनवरी के दिन हजारों समर्थकों के साथ वह मुंबई पहुंचेंगे जहां से वह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने की घोषणा की है.