Appointment Of Vice Chancellor: शुक्रवार (17 मई, 2024) के दिन सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और गवर्नर, दोनों को चेतावनी दी है. पश्चिम बंगाल राज्य में, सरकार और गवर्नर सीवी आनंद बोस के बीच विश्वविद्यालयों में कुलपति (Vice Chancellor) को नियुक्त करने को लेकर खींचातानी जारी है.
अब सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपस में सुलह करके एक निर्णय पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि अगर दोनों पक्षों में बात नहीं बनती है, तो वे स्वयं ही विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्त करने को बाध्य होंगे. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें राज्य ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले, गवर्नर द्वारा की 13 विश्वविद्यालयों में वाइस-चांसलर की नियुक्ति को सही ठहराया, चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट में, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल राज्य के विश्वविद्यालयों में वीसी का नियुक्ति से जुड़े मामले को सुना.
जस्टिस कांत ने कहा,
"जिस क्षण आप हमें प्रॉम्प्ट करेंगे, उसी पल से हम आप दोनों (पश्चिम बंगाल राज्य और गवर्नर) से हम इस अधिकार को ले लेंगे. यदि आप ऐसा ही चाहते हैं, तो हम यहीं करेंगे. नहीं, तो आप इसे सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करें."
जस्टिस कांत ने आगे कहा,
"जिस वक्त हम कमिटी नियुक्त कर देंगे. फिर उसके सुझाए गए नामों में नामों में किसी प्रकार का चेंजेस नहीं होने देंगे. अदालत के आदेश से उसे लागू करेंगे"
पश्चिम बंगाल में गवर्नर बोस द्वारा 13 विश्वविद्यालयों में वाइस चांसलर नियुक्त किए. राज्य सरकार ने आपत्ति जताई और कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लेकर पहुंची. कलकत्ता हाईकोर्ट ने गवर्नर द्वारा की गई नियुक्ति को सही ठहराया. अब पश्चिम बंगाल राज्य ने कलकत्ता हाईकोर्ट के इस फैसले को विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition) दायर की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को फटकार लगाई है.
हालांकि उपरोक्त टिप्पणी के बाद बेंच ने राज्य द्वारा सुझाए गए 15 यूनिवर्सिटी के लिए सुझाए गए 15 नामों में से 7 को अयोग्य पाया. वहीं, 8 नामों पर मुहर लगाते हुए एक सप्ताह के भीतर नियुक्ति करने के निर्देश दिए है. साथ ही राज्य को 7 वीसी पदों के लिए 12-15 नाम राज्यपाल की अनुमति के लिए भेजने के निर्देश दिए.