दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है. याचिका में टीएमसी नेत्री महुआ मोइत्रा (TMC Leader Mahua Moitra) ने ईडी (ED) को जांच से जुड़ी जानकारी मीडिया को देने पर रोक लगाने की मांग की है. महुआ ने इस मामले में 19 मीडिया संस्थानों (Media Houses) को पार्टी बनाते हुए उनके खिलाफ न्यूज चलाने से रोकने की मांग की है.
जस्टिस सुब्रमण्नयम प्रसाद ने मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला रिजर्व रखा है. आसार है कि कल (अगले दिन) वे अपना फैसला देंगे.
महुआ मोइत्रा ने ईडी पर आरोप लगाया है. आरोप में ईडी पर सेंसेटिव इनफॉर्मेशन लीक करने की बात कहीं है. ईडी ने हाल ही में महुआ के खिलाफ फेमा से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. ईडी ने इन आरोपों को नकार दिया है. कोर्ट से सफाई में कहा कि उन्हें नहीं पता है कि ये जानकारी मीडिया को कैसे मिली है.
मोइत्रा ने इस मामले में 19 मीडिया संस्थानों को भी आरोपी बनाया है, साथ ही कोर्ट से उनके खिलाफ किसी प्रकार का असत्यापित, अपमानजनक खबर को प्रचारित एवं प्रसारित करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की है .
ANI की तरफ से पेश हुए एडवोकेट सिद्धांत कुमार ने कहा कि मीडिया पर रोक लगाने की मांग सप्रेश (Chilling Effect) करने जैसा होगा.
ANI ने कहा,
“हम (मीडिया) विश्वसनीय स्त्रोत के आधार पर ही किसी खबर को प्रचारित और प्रकाशित करते हैं.”
एडिशनल सॉलिसीटर जनरल (Additional Solicitor General) चेतन शर्मा ने भारत सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को अवगत कराते हुए कहा कि मीडिया को महुआ के कोर्ट में आने की जानकारी भी पहले ही हो चुकी थी. सरकार महुआ के द्वारा उठाए सवालों के जबाव में इंकार किया है.