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नेल्लई मंदिर की संपत्ति अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर मद्रास हाई कोर्ट सख्त, राज्य सरकार को दिए ये निर्देश

सुनवाई के दौरान मद्रास हाई कोर्ट ने तेनकासी जिला कलेक्टर को एक संयुक्त समिति बनाने का आदेश दिया, जो मंदिर की संपत्तियों की पहचान करे, अतिक्रमण हटाए और उनका उचित प्रबंधन सुनिश्चित करे.

मद्रास हाई कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : June 30, 2025 10:05 PM IST

मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने सोमवार को तिरुनेलवेली के ऐतिहासिक अरुलमिगु शंकरनारायण स्वामी मंदिर की अतिक्रमित संपत्तियों को वापस लेने और उनके रखरखाव के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिए. जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम और मारिया क्लेटे की खंडपीठ ने तेनकासी जिला कलेक्टर को एक संयुक्त समिति बनाने का आदेश दिया, जो मंदिर की संपत्तियों की पहचान करे, अतिक्रमण हटाए और उनका उचित प्रबंधन सुनिश्चित करे.

हाई कोर्ट ने मंदिर के भक्त और ट्रस्टी राधाकृष्णन की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. याचिका में कहा गया है कि यह प्राचीन मंदिर, जहां रोजाना हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, 100 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का मालिक है. हालांकि, 2018 से हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग और जिला प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बावजूद, अतिक्रमित संपत्तियों को वापस लेने या उनके रखरखाव के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए.

मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि मंदिर की संपत्तियों की सुरक्षा और रखरखाव विभाग के नियमों के अनुसार होने चाहिए, लेकिन कई वर्षों से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोर्ट ने निर्देश दिया कि अतिक्रमणकारियों को मंदिर की जमीन से हटाया जाए और उससे होने वाली आय का उपयोग केवल मंदिर के रखरखाव और भक्तों के कल्याण के लिए किया जाए. अदालत ने तेनकासी जिला कलेक्टर को छह सप्ताह के भीतर संयुक्त समिति गठित करने और बैठक आयोजित करने का आदेश दिया. यह समिति अतिक्रमित संपत्तियों की पहचान कर कब्जामुक्त कराने की कार्रवाई शुरू करेगी. साथ ही, याचिकाकर्ता राधाकृष्णन को भी इस समिति में शामिल करने का निर्देश दिया गया, क्योंकि वह पहले भी इस मुद्दे पर चर्चा में हिस्सा ले चुके हैं. इस फैसले के साथ, अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया.

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