मद्रास हाइकोर्ट (Madras High Court) ने राम मंदिर के लाइव टेलीकास्ट रोकने से जुड़ा तमिलनाडु राज्य की याचिका खारिज की. जिसमें निजी हॉल (Private Hall) में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के लाइव टेलीकास्ट पर रोक लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने आगे कहा कि राम नाम का सुमिरन करना, राम नाम का भजन करना प्रतिबंधित नहीं, लेकिन इन कार्यों के दौरान शांति व्यवस्था को न बिगाड़े.
निजी जगहों पर टेलीकास्ट पर रोक नहीं
तमिलनाडु राज्य द्वारा निजी जगहों पर राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के लाइव टेलीकास्ट को रोकने के लिए एक याचिका दायर की. जिस पर जस्टिस आनंद वेंकटेश ने सोमवार की सुबह सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि राम नाम के सुमिरन, भजन व गायन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है, लेकिन इन सब के दौरान शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए.
समाजिक सौहार्द रहे बरकरार
कोर्ट ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लाइव टेलीकास्ट के दौरान किसी प्रकार की गलत खबरें, अफवाहों पर भी ध्यान रखने की जरूरत है. जिससे की विधि-व्यवस्था ना बिगडे़. इश्वर के नाम-ध्यान शांति और खुशी के लिए किया जाता है, ना कि समाजिक-सौहार्द को बिगाड़ने के लिए.
पुलिस से परमिशन की जरूरत नहीं
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि निजी जगहों एवं मंदिर परिसर में राम मंदिर लाइव टेलीकास्ट करने को लेकर किसी प्रकार की पुलिस परमिशन की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने लाइव टेलीकास्ट के दौरान बढ़ते भीड़ से किसी तरह की विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो, तो उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस उचित कदम उठा सकती है.
अगर कोई क्षेत्र संवेदनशील हो, और पुलिस को आशंका है कि यहां विधि-व्यवस्था बिगड़ सकती है, तो पुलिस उस क्षेत्र में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित प्रतिबंध लग सकती है, जिससे किसी तरह की कानूनी समस्या उत्पन्न न हो.
(ये कॉपी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे सत्यम कुमार ने लिखी है.)