Advertisement

लखीमपुर खीरी हिंसा के 12 आरोपियों को इस वजह से मिली जमानत, जानें Allahabad HC ने फैसले में क्या कहा

लखीमपुर हिंसा के 12 आरोपियों को जमानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर वे मुकदमे की सुनवाई में सहयोग नहीं करते हैं तो यह उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : November 13, 2024 9:25 AM IST

लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) के 12 आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. हिंसा के मुख्य आरोपी केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को पहले ही जमानत दी जा चुकी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने 12 आरोपियों की जमानत देते हुए कहा कि ट्रायल के दौरान अदालत के समक्ष किसी व्यक्ति की मौजूदगी पर शंका होने को लेकर ही उसे जमानत देने से इंकार किया जा सकता है, इस मामले में आरोपियों ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिससे संदेह हो कि वे ट्रायल के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे. बता दें कि लखीमपुर खीरी हिंसा की घटना साल 2021 में हुई थी जब तीन कृषि कानून (Revoked Agricultural Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मौत से जुड़ा है. इस मामले में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे पर 2021 में चार किसान प्रदर्शनकारियों और एक पत्रकार को वाहन से कुचलकर मारने का आरोप लगाया गया था.

लखीमपुर हिंसा के 12 आरोपियों को जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस कृष्ण पहल की पीठ ने 12 आरोपियों को जमानत दी है. पीठ ने सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए चेतावनी दी है कि अगर वे मुकदमे की सुनवाई में सहयोग नहीं करते हैं तो यह उनकी जमानत रद्द करने का आधार होगा.

अदालत के सामने बचाव पक्ष ने दावा किया कि मामले में 114 गवाह शामिल हैं, फिर भी अब तक केवल सात की गवाही हुई है. साथ ही जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट  ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को नियमित जमानत दी है. वहीं राज्य सरकार और शिकायतकर्ता के वकील ने जमानत याचिकाओं का विरोध किया.

Also Read

More News

मुख्य आरोपी को भी मिल चुकी है जमानत

दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने कहा कि मुकदमे को पूरा करने में समय लग सकता है और मुख्य आरोपी अब जमानत पर है और उनकी अंतरिम रिहाई के दौरान अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है, इसलिए आरोपी-याचिकाकर्ताओं की नियमित जमानत याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ उर्फ काले, सत्यम त्रिपाठी उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, धर्मेंद्र सिंह बंजारा, आशीष पांडेय, रिंकू राणा, उल्लास कुमार त्रिवेदी उर्फ मोहित त्रिवेदी, लवकुश, सुमित जायसवाल और शिशुपाल की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया है.

(खबर PTI भाषा के आधार पर लिखी गई है)