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Krishna Janmabhoomi Dispute: 'मामलों की सुनवाई एक साथ करने का HC का फैसला सही', SC ने मुस्लिम पक्ष से कहा

सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर मुद्दे पर एतराज करना ठीक नहीं है. अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ कर सुनवाई के फैसला लिया है तो इसमें क्या ग़लत है

कृष्णजन्म भूमि विवाद (पिक क्रेडिटANI)

Written by Satyam Kumar |Published : January 10, 2025 12:24 PM IST

आज सुप्रीम कोर्ट ने श्रीकृष्णजन्मभूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष की याचिका को सुना. मुस्लिम पक्ष ने कृष्ण जन्मभूमि मामले में सभी 15 मामलों की सुनवाई एक साथ करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से आपत्ति जताई थी. इस सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से सवाल किया कि अगर हाईकोर्ट सभी मामलों की सुनवाई की एक साथ करने का फैसला लिया है, तो इसमें गलत क्या है. बता दें कि पिछले साल 11 जनवरी के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामलों को एक साथ सुनवाई करने का निर्देश दिया था.

मामलों की सुनवाई एकसाथ होने से दोनों पक्षों का होगा फायगा: SC

सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की याचिका को सीजेआई संजीव खन्ना और और जस्टिस संजय कुमार के समक्ष सामने लाया गया. मुस्लिम पक्ष ने दावा किया कि इन सभी 15 केस में अलग अलग मुद्दे है. इसलिए इन्हें एक साथ जोड़े कर सुनवाई करने का इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला ठीक नहीं है. सीजेआई ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर मुद्दे पर एतराज करना ठीक नहीं है. अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ कर सुनवाई के फैसला लिया है तो इसमें क्या ग़लत है. इससे अदालत का वक़्त ही बचेगा. ये दोनों पक्षों के हित में होगा.

उक्त टिप्पणी ने सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते के लिए टाल दी है.

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मुस्लिम पक्ष ने दायर की तीन याचिकाएं

शाही ईदगाह कमेटी की ओर से इस मामले में तीन याचिकाएं दायर की गई हैं. इनमें से एक याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती देती है, जिसमें हिंदू पक्ष की ओर से दायर मुकदमे को सुनवाई लायक माना गया था.

दूसरी याचिका में मथुरा की निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सभी मुकदमे को हाईकोर्ट ने अपने पास ट्रांसफर करने का निर्णय लिया है.

इसके अलावे, मुस्लिम पक्ष ने तीसरी याचिका में सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के उस फैसले का भी विरोध किया है, जिसमें इस विवाद से जुड़े सभी 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई का निर्णय लिया.