आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट और कोलकाता की विशेष अदालत में दो अहम सुनवाई होगी. जहां सुप्रीम कोर्ट आज डॉक्टरों के वापस से ड्यूटी व सुरक्षा की जांच से जुड़ी मामलों की सुनवाई करेगी, वहीं कोलकाता की एक स्पेशल कोर्ट केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो(CBI) की दोनों आरोपियों संदीप घोष और अभिजीत मंडल की पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग पर सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ दोपहर बाद सुनवाई करेगी. यह सुनवाई 27 सितंबर के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में सोमवार को स्थगित कर दी गई। मामले में 42 पक्षों की ओर से 100 से अधिक अधिवक्ताओं के सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित रहने की उम्मीद है.
दूसरी ओर, कोलकाता की एक विशेष अदालत आरोपी पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के नार्को-एनालिसिस और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल के पॉलीग्राफ टेस्ट को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई करेगी.
कानूनी विशेषज्ञों की राय है कि दोनों अदालतों में सुनवाई महत्वपूर्ण है, जहां कोलकाता की विशेष अदालत ने 25 सितंबर को घोष और मंडल की जमानत याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि अगर उनके खिलाफ आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें मृत्युदंड दिया जा सकता है. उस दिन, सीबीआई के वकील ने विशेष अदालत में दावा किया गया था कि मंडल के तत्कालीन एसएचओ रहते हुए ताला पुलिस स्टेशन में इस जघन्य बलात्कार और हत्या से जुड़े सबूतों और साक्ष्यों को बदला गया और उनके साथ छेड़छाड़ की गई.
सीबीआई ने घोष और मंडल के रिमांड पत्र में बड़ा खुलासा किया है. रिमांड पत्र में कहा गया है कि दोनों आरोपियों से हिरासत में पूछताछ के दौरान, इस आशय के नए अतिरिक्त तथ्य सामने आए हैं कि ताला पुलिस स्टेशन में इस मामले से संबंधित कुछ झूठे रिकॉर्ड बनाए गए या बदले गए.
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कमरहाटी में सरकारी कॉलेज ऑफ मेडिसिन और सगोर दत्ता अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों द्वारा काम बंद करने के विरोध के बीच सोमवार को दोनों सुनवाई हो रही हैं. अस्पताल में एक महिला मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों द्वारा अपने सहकर्मियों पर हमला किए जाने के बाद डॉक्टर शनिवार से हड़ताल पर चले गए थे.