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Kolkata Doctor Rape and Murder case: आरोपी संजय रॉय को अदालत ने ठहराया दोषी, सजा पर सुनवाई सोमवार को

दोषी संजय रॉय ने कोर्ट में कहा कि कोई IPS ऑफिसर उन्हें फसाया हैं. उसके गले में रुद्राक्ष की माला था, अगर वो ऐसा करता तो जबरदस्ती में वो टूट जाता. इस पर जज ने कहा कि उन्हें सोमवार के दिन फैसला सुनाने से पहले अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा.

चित्र में आरोपी संजय रॉय

Written by Satyam Kumar |Published : January 18, 2025 3:00 PM IST

कोलकाता की जिला अदालत ने संजय रॉय को आरजी कर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के लिए दोषी पाया गया है. वहीं उसकी सजा पर अदालत सोमवार को फैसला सुनाएगी. आज की सुनवाई के दौरान घटना के मुख्य आरोपी व सिविक वॉलंटियर संजय रॉय ने अदालत में दावा किया कि उसे फंसाया गया है. जज ने कहा कि संजय रॉय को सोमवार को बोलने का अवसर मिलेगा. इस मामले में पुलिस ने संजय रॉय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 64, 66 और 103 (1) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

शियालदह कोर्ट में जज अनिर्बाण दास ने फैसला सुनाते हुए कहा कि CBI के द्वारा पेश किए गए सबूतों व साक्ष्यों से यह साबित हुआ है कि संजय राई जूनियर महिला चिकित्सक की रेप और हत्या किया है. वहीं दोषी संजय रॉय ने कोर्ट में कहा कि कोई IPS ऑफिसर उन्हें फसाया हैं. उसके गले में रुद्राक्ष की माला था, अगर वो ऐसा करता तो जबरदस्ती में वो टूट जाता. इस पर जज ने कहा कि उन्हें सोमवार के दिन फैसला सुनाने से पहले अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा.

अदालत ने इस मामले की सुनवाई 57 दिनों में पूरी की. वहीं घटना के 167 दिन के बाद फैसला सुनाया है. ट्रायल 12 नवंबर 2024 को शुरू हुआ और 9 जनवरी 2025 के दिन पूरी हुई.  ट्रायल कोर्ट ने रॉय के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आपराधिक आरोप तय किए.

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9 अगस्त 2024 के दिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय रेजिडेंट डॉक्टर की बलात्कार करने के बाद हत्या करने का मामला सामने आया. डॉक्टर का शव कॉलेज के सेमिनार हॉल में पाया गया, और पोस्टमार्टम से पुष्टि हुई कि महिला डॉक्टर की हत्या बलात्कार करने के बाद की गई. इस घटना ने पूरे देश भर के डॉक्टरों ने विभिन्न स्थानों पर जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. डॉक्टरों ने मांग की कि चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानून और पुलिसिंग की आवश्यकता है.

कोलकाता पुलिस ने घटना के एक दिन बाद, 10 अगस्त 2024 को शहर के पुलिस के सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया. इस मामले की जांच अंततः कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी गई.

सीबीआई ने पूर्व आरजी कर प्रिंसिपल संदीप घोष और पुलिस अधिकारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया, उन पर साक्ष्य नष्ट करने के प्रयास का आरोप लगाया गया. हालांकि, उन्हें 90-दिन की समय सीमा के भीतर चार्जशीट न दायर करने के कारण जमानत मिल गई.