फूड डिलिवरी के लिए माइक्रोप्लास्टिक से बने डिब्बे के बढ़ते चलन से केरल हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. केरल हाई कोर्ट ने इसे लेकर राज्य सरकार से जबाव तलब की है. केरल हाई कोर्ट ने सरकार से माइक्रोप्लास्टिक के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव व फूड सेफ्टी पर इसके असर की जांच करने को कहा है. अदालत ने पता लगाने को कहा कि जब गर्म खाने को प्लास्टिक में पैक करके भेजा जाता है, इसके प्रभाव की भी जांच करने की जरूरत है.
जस्टिस देवन रामचंद्रन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की है. जस्टिस ने पूछा कि क्या प्लास्टिक कंटेनर में फूड देना सही है? छोटे-छोटे बच्चे इस फूड पर निर्भर है, भोजन के जरिए माइक्रोप्लास्टिक उनके पेट में जा रहा है. आपको पता होना चाहिए माइक्रोप्लास्टिक आपने अंदर जा रहा है. जस्टिस ने फूड डिलिवरी के लिए प्लास्टिक के कंटेनर के उपयोग से नाराजगी जाहिर की है.
मामले की सुनवाई के वक्त जस्टिस ने इस बात पर जोड़ दिया कि प्लास्टिक कंटेनर का यूज करने से फूड के साथ माइक्रोप्लास्टिक शरीर के अंदर जा रहे हैं जिससे लीवर, पाचन संबंधी बीमारी बढ़ाने की जरूरत है. केरल हाई कोर्ट ने प्लास्टिक संबंधी रेगुलेशन को एड्रेस करने की जरूरत पर भी जोड़ दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि वर्तमान नियम चुनौतियों से निपटने में सक्षम नहीं है.