Karnataka HC on Pepper Spray: आमतौर पर लोग खासकर महिलाएं रात में बाहर निकलते समय आत्मरक्षा के लिए पेपर स्प्रे को अपने साथ रखती है. दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) में भी महिलाओं को पेपर स्प्रे की 100ml तक की बोतल साथ रखने की इजाजत देती है, ताकि वे जरूरत पड़ने पर सेल्फ डिफेंस (Self Defense) में इसका प्रयोग कर सकें. वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने पेपर स्प्रे के इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कहीं. उच्च न्यायालय ने पेपर स्प्रे (Pepper Spray) को 'खतरनाक हथियार' बताया है. पेपर स्प्रे हानिकारक केमिकल से बनते हैं जो वाइटल अंगों (Vital Organs) को हमेशा के लिए खराब कर सकते हैं. पेपर स्प्रे के दुष्प्रभावों को देखते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कही है.
जस्टिस एम नागप्रसन्ना की बेंच ने मिर्च स्प्रे या पेपर स्प्रे पर रोक लगाने के निर्देश दिए. बेंच ने पेपर स्प्रे के दुष्परभावों को देखते हुए इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की बात कहीं है.
अदालत ने कहा,
"हमारे देश में खतरनाक हथियार मिर्च स्प्रे (Pepper Spray) के इस्तेमाल से जुड़ा कोई खास कानून नहीं है, लेकिन अमेरिका की एक अदालत ने 2018 के मामले ये कहा था कि मिर्च स्प्रे जैसे रासायनिक स्प्रे खतरनाक हथियार है."
घटना बेंगलुरू स्थित एक शोरूम की है जहां एक एक कपल और सिक्योरिटी गार्ड में झड़प होने पर महिला ने पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया. कपल के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया.
मामला अदालत के सामने पहुंचा तो कपल ने बताया कि उन्होंने आत्मरक्षा में पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया है. कपल की दलीलें मानने से अदालत ने इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा, तत्कालिक तौर पर कपल को जान का खतरा नहीं था, उन्हें पेपर स्प्रे के इस्तेमाल से बचना चाहिए था.
आगे कपल ने कर्नाटक हाईकोर्ट से मामले को खारिज करने की मांग की. सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने भी पेपर स्प्रे के इस्तेमाल को गलत ठहराया. कोर्ट ने अमेरिकी अदालत के फैसले का हवाला दिया जिसमें पेपर स्प्रे को खतरनाक हथियार बताया गया था.