कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय महिलाओं की गरिमा को कथित रूप से ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगने को लेकर निर्देश देने की मांग की गई थी (Karnataka High Court Dismisses PIL Against Rahul Gandhi for Controversial Remarks Over Women Dignity Claim). जनहित याचिका इस दावे पर आधारित है कि राहुल गांधी ने जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद एवं बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे प्रज्वल रेवन्ना पर ‘‘400 महिलाओं के साथ बलात्कार करने और इस कृत्य का वीडियो बनाने का झूठा’’ आरोप लगाया है.
कर्नाटक हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस एन.वी. अंजारिया और जस्टिस के. अरविंद की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह अदालत के समय की बर्बादी है. अदालत ने याचिका दायर करने वाले संगठन ‘ऑल इंडिया दलित एक्शन कमेटी’ पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सार्वजनिक भाषण के दौरान की गई राहुल गांधी की टिप्पणी बेहद ‘‘गैरजिम्मेदाराना और अपमानजनक’’ थी, खासकर हासन क्षेत्र की महिलाओं के लिए. उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह राहुल गांधी को नोटिस जारी करे और आरोपों के संबंध में जवाब मांगे.
हालांकि, अदालत ने मांग से इंकार करते हुए उस पर 25000 रूपये का जुर्माना लगाया है.