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जस्टिस संजय कुमार मिश्रा झारखंड उच्च न्यायालय के 14वें मुख्य न्यायाधीश बने

उत्तराखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस संजय कुमार मिश्रा बने झारखंड उच्च न्यायालय के 14वें चीफ जस्टिस. राजभवन परिसर में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड के नए चीफ जस्टिस को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

Written by My Lord Team |Published : February 20, 2023 1:02 PM IST

रांची: उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस संजय कुमार मिश्रा ने सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट के 14वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने जस्टिस मिश्रा को पद एवं गोपनियता की शपथ दिलाई.

रांची स्थित राजभवन में आयोजित हुए इस शपथग्रहण समारोह में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके कैबिनेट सहयोगी, हाईकोर्ट जज, न्यायिक अधिकारी और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

समारोह की शुरूआत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह द्वारा राष्ट्रपति की ओर से जारी किए गए नियुक्ति वारंट के पढने से हुआ. समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश को बधाई दी.

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समारोह के पश्चात मीडिया से बातचीत में सोरेन ने कहा कि "झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में कई कानूनी मुद्दे हैं, मुझे विश्वास है कि जस्टिस मिश्रा बेहतर तरीके से इन मुद्दों का हल करेंगे और आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को न्याय दिलाएंगे जो आम तौर पर न्याय से वंचित रह जाते हैं....मुझे उम्मीद है कि उनकी नियुक्ति से इन समुदाय के लोगों को राहत मिलेगी."

गौरतलब है कि झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद 19 दिसंबर, 2022 को जस्टिस रवि रंजन की सेवानिवृत्ति के बाद से ही रिक्त है. जिसके बाद जस्टिस अपरेश कुमार सिंह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थे.

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश को केन्द्र की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति भवन से 17 फरवरी को ​जस्टिस मिश्रा की नियुक्ति के वारंट जारी किए गए.

मूल रूप से उड़ीसा हाईकोर्ट के 61 वर्षिय जज जस्टिस मिश्रा न्यायिक अधिकारी कोटे से जज है. वर्ष 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय से एलएलबी की डीग्री हासिलकरने के बाद उड़ीसा के बोलनगीर जिला अदालत से वकालत शुरू की. उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सुंदरगढ़, ढेंकानाल, विशेष न्यायाधीश (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो - सीबीआई), भुवनेश्वर और उड़ीसा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के रूप में भी कार्य किया.

सात अक्टूबर, 2009 को उन्हें उड़ीस हाईकोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत किया गया. बाद में उन्हे उत्तराखंड हाईकोर्ट में तबादले के जरिए नियुक्त किया गया.