नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर मोस्ट जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर के अंतिम कार्यदिवस last working day पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ ने भी अब बड़ी बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के अनुसार जस्टिस नजीर अपने अंतिम कार्यदिवस पर सीजेआई डी वाई चन्द्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा के साथ Ceremonial Bench के सदस्य के रूप में मौजूद रहे.
न्यायालय समय शुरू होने के साथ ही बेंच में साथ बैठे जस्टिस नजीर को संबोधित करते हुए CJI DY Chandrachud ने कहा कि जस्टिस नज़ीर सही और गलत की स्थिति में वे तटस्थ रहने वाले नहीं होकर बल्कि हमेशा सही के लिए खड़े होते रहे.
सीजेआई ने उनकी सेवानिवृत्त होने पर कहा कि "मुझे इस बात का दुख है कि मैं अब उनके साथ दोबारा बेंच साझा नहीं कर सकूंगा. लेकिन हम दोस्त बने रहेंगे.
CJI ने जस्टिस नजीर के व्यक्तित्व को लेकर अहम बात कही, उन्होने कहा कि जस्टिस नजीर का व्यवहार अधिवक्ताओं के लिए और जजों के लिए भी प्रेरणा है.
अयोध्या मामले को याद करते हुए सीजेआई ने कहा कि हमने अयोध्या मामले के दौरान बेंच शेयर की थी और उनके साथ काम किया था.
बेंच के दूसरे सदस्य में शामिल जस्टिस पी एस नरसिम्हा ने भी जस्टिस नजीर की सेवानिवृति पर संबोधित करते हुए कहा कि मैं जस्टिस नज़ीर के सामने कोर्ट में अपनी पेशी के दौरान के कई वाक्यों को याद कर रहा हॅू क्योंकि उनके सामने पेश होना बहुत खुशी की बात थी.
जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि जस्टिस नजीर के साथ मेरा बहुत अच्छा जुड़ाव था. उनके सामने युवा अधिवक्ताओं को भी पेश होने में एक चार्म रहा है.
Ceremonial Bench के सामने मौजूद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, संजय हेगड़े और वी मोहना ने भी इस अवसर पर जस्टिस अब्दुल नजीर के साथ अपने अनुभव साझा किए.