नई दिल्ली,नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा जनवरी के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाने वाली जेईई मेन्स 2023 (JEE Mains 2023) की परीक्षा को रीशेड्यूल करने को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है.
देशभर के कई राज्यों में बोर्ड परीक्षाओं के साथ JEE Mains 2023 की तारीखों में आ रहे टकराव के चलते सोशल एक्टिविस्ट अनुभा श्रीवास्तव की ओर से याचिका दायर की गयी है. याचिका में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा लगाई गई 75 प्रतिशत की एलिजिबिलिटी को हटाने का भी अनुरोध किया गया है.
जनहित याचिका के जरिए याचिकाकर्ता ने NTA द्वारा जारी की गयी अधिसूचना को भी चुनौती दी है. याचिका में जनवरी के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने परीक्षा को अप्रैल 2023 तक के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया गया है.
15 दिसंबर को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने JEE Mains 2023 को लेकर अधिसूचना जारी की थी. नोटिफिकेशन के अनुसार यह परीक्षा दो सेशन में होगी. जिसका पहला सेशन 24 जनवरी से 31 जनवरी 2023 के बीच आयोजित किया जाएगा, जबकि अगला 6 से 12 अप्रैल तक आयोजित होगा.
जनहित याचिका में देशभर के स्टूडेंट की चिंता से हाईकोर्ट को अवगत कराते हुए बताया गया है कि देश के कई राज्यों में जनवरी के अंतिम दिनों में ही कक्षा 12 वीं की बोर्ड परीक्षाओं, प्री-बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएगी.
अधिकांश राज्यों की ओर से जनवरी माह में प्री-बोर्ड और बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित की गई है. असम बोर्ड की परीक्षाएं 25 जनवरी से शुरू हो रही है, वहीं बिहार बोर्ड की परीक्षाएं 10 जनवरी, तेलंगाना बोर्ड के प्रैक्टिकल एग्जाम 20 जनवरी से प्रारंभ हो रहे है. बोर्ड परीक्षाओं के तारीख जेईई मेन परीक्षा की तारीखों से टकरा रही है. क्योंकि जेईई मेन परीक्षा 24 से 31 जनवरी तक आयोजित होनी है.
जनहित याचिका में दावा किया गया है कि पहली बार JEE Mains 2023 परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को बेहद कम समय दिया गया है. याचिकाकर्ता के अनुसार आमतौर पर परीक्षा कार्यक्रम 3-4 महीने पहले घोषित किए जाते है. ससे छात्रों को परीक्षाओं की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाता था, लेकिन इस बार एक माह का ही समय दिया गया है.
इसलिए याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि संबंधित शिक्षा बोर्डों के साथ चर्चा के बाद परीक्षा को अप्रैल 2023 या किसी अन्य तारीख तक स्थगित की जाए.
activist Anubha Srivastava Sahai की ओर से दायर की गयी इस जनहित याचिका में NTA द्वारा इस परीक्षा में 12 वी कक्षा के प्राप्तांको में 75 प्रतिशत की बाध्यता का भी विरोध किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षा में छात्रों द्वारा प्राप्त अंक उनकी वास्तविक क्षमता का सही प्रतिबिंब नहीं है. और 75 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले छात्र भी JEE Mains 2023 में बहुत अच्छा स्कोर प्राप्त कर सकते हैं.
याचिका में कहा गया है कि पिछले साल तक 75% अंक होने की बाध्यता लागू नहीं थी. नए प्रावधान के तहत अगर JEE Mains 2023 की परीक्षा में 75 प्रतिशत की बाध्यता जारी रखी जाती है तो यह देश के लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करेगा.
याचिका में कहा गया है कि इस तरह के बदलाव के लिए भी NTA द्वारा पूर्व में छात्रों को जानकारी नहीं दी गयी.