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India's Got Latent: अब विदेश जा सकेंगे रणवीर इलाहाबादिया, सुप्रीम कोर्ट ने Passport रिलीज करने के दिए आदेश

गिरफ्तारी से राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रणबीर इलाहाबादिया को अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा था, जिसे अब लौटा देने के निर्देश दिए हैं.

रणवीर इलाहाबादिया, सुप्रीम कोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : April 28, 2025 1:46 PM IST

रणवीर इलाहाबादिया को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर इलाहाबादिया के पासपोर्ट रिलीज करने की मांग को स्वीकृति दे दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने रणबीर इलाहाबादिया की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी, जिसमें शर्त के तौर पर यूट्यूबर को अपना पासपोर्ट जमा कराने को कहा था. वहीं सुनवाई के दौरान असम, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि रणवीर इलाहाबादिया के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है.

FIR क्लब की मांग पर SC पर टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने कहा कि असम और महाराष्ट्र सरकार का जबाव सुनने के बाद महाराष्ट्र साइबर क्राइम ब्रांच को यूट्यूबर का पासपोर्ट लौटाने के निर्देश दिए हैं. सुनवाई के दौरान रणवीर इलाहाबादिया के वकील ने मांग किया कि वे महाराष्ट्र और असम में हुए एफआईआर को एक साथ क्लब कर दें जिससे कि उन्हें कोईपरेशानी हो. इस पर अदालत ने पूछा कि क्यों जिसे असम में दिक्कत का सामना करना पड़ा है उसे महाराष्ट्र में आने के लिए क्यों दबाव दिया जाए?

वहीं, मीडिया से मुखातिब होते हुए सीनियर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ से कहा कि वह उनके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने और उन्हें एक स्थान पर लाने के उनके अनुरोध पर अगली सुनवाई के दौरान विचार करेगी.

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इससे पहले सीनियर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड ने जजों की पीठ को बताया कि उनके मुवक्किल ने अंडरटेकिंग दायर की है और मामले की जांच में भी शामिल हुए हैं. यह अंडरटेकिंग सुप्रीम कोर्ट के सामने उनके शो के कंटेंट को लेकर दी गई है. सीनियर एडवोकेट चंद्रचूड ने अदालत से यह भी अनुरोध किया कि इलाहाबादिया के पासपोर्ट को जमा करने की शर्त को संशोधित किया जाए. सीनियर एडवोकेट ने अदालत में कहा कि इलाहाबादिया को विभिन्न लोगों का साक्षात्कार करने के लिए विदेश यात्रा करनी होती है, जिसके लिए कई बैठकें आयोजित करनी पड़ती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पासपोर्ट जमा करने से उनके पेशेवर जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. यह एक महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि उनके मुवक्किल की गतिविधियां उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इलाहाबादिया अभी विदेश जाते हैं, तो यह जांच पर असर डाल सकता है. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो महाराष्ट्र और असम सरकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने बताया कि जांच को पूरा करने में लगभग दो सप्ताह लगेंगे. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे पासपोर्ट रिहाई की प्रार्थना पर दो सप्ताह बाद विचार करेंगे.