लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के जिला अदालत परिसर में गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की 7 जून को हुई हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की जनहित याचिका (पीआईएल) को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बुधवार को खारिज कर दिया है.
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया। याचिका स्थानीय वकील एम एल यादव ने दायर की थी।
राज्य सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा कोर्ट में पेश हुए। याचिका की सुनवाई के दौरान मिश्रा ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।
जानकारी के अनुसार, महाधिवक्ता मिश्रा ने अदालत को बताया कि तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसआईटी का हिस्सा हैं और यह घटना केवल छह दिन पहले हुई है। एसआईटी अगले 48 घंटों में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप सकती है।
गौरतलब है की गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की जिला अदालत स्थित एससी/एसटी कोर्ट रूम में हमलावर विजय यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी जीवा की हत्या की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा गुरुवार को रिपोर्ट सौंपने की संभावना है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा आईएएनएस को प्राप्त हुई है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी) मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता वाली एसआईटी में लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) नीलाब्जा चौधरी और पुलिस महानिरीक्षक (अयोध्या रेंज) प्रवीण कुमार इसके सदस्य हैं।
एसआईटी के एक सदस्य ने आईएएनएस को बताया की घटना से संबंधित हमारी जांच लगभग पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट हमें प्रदान की गई एक सप्ताह की समय सीमा के भीतर सौंपी जाएगी।